Sunday, Apr 02, 2023
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चीन-पाक के खुफिया मिशन का हुआ खुलासा, 5 साल से बना रहे खतरनाक जैविक हथियार, पढ़ें रिपोर्ट...

  • Updated on 8/26/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। चीन और पाकिस्तान (China-Pakistan) को लेकर एक विदेशी मीडिया वेबसाइट से बड़ा खुलासा हुआ है। खबर है कि चीन और पाकिस्तान मिल कर दुनिया के खिलाफ मिलकर बड़ी साजिश की योजना बनाने में लगे हैं। 

एक तरफ दोनों ही सड़क निर्माण और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने का दिखावा कर रहे है तो वहीँ दूसरी तरफ दोनों देश मिलकर जैविक हथियार (Bio Weapon)  बनाने में लगे हुए हैं। इस बारे में एक ऑस्ट्रेलियाई वेबसाइट द क्लाक्सोन (The klaxon.com) ने खुलासा किया है।

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क्या है इस रिपोर्ट में 
इस रिपोर्ट में लिखा है कि चीन और पाकिस्तान ने पिछले ही महीने दुनिया से छुप कर आपस में तीन साल की एक डील की है। जिसके तहत चीन की वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में जैविक हथियारों को बनाने का समझौता भी दोनों देशों के बीच हुआ है। 

इतना ही नहीं, इस खबर का सबसे बड़ा खुलासा ये है कि चीन की वुहान लैब पाकिस्तान के साथ मिलकर साल 2015 से ही खतरनाक बैक्टीरिया-वायरस पर प्रयोग कर रही है।

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कोरोना जैसी बीमारी पैदा की!
बताया जा रहा है कि जैविक हथियार तैयार करने के लिए पाकिस्तान और चीन के वैज्ञानिकों ने अब तक 5 स्टडीज की हैं। इन स्टडीज को कुछ साइंटिफिक पेपर्स में छापा भी गया है। इन अध्ययन में पशुजन्य रोग (Zoonotic Pathogens) की खोज और लक्षण के बारे में चर्चा की गई है। 

बता दें कि पशुजन्य रोग की वजह से कई संक्रामक बीमारियां होती हैं जो जानवरों से इंसानों में फैलती हैं। इसी श्रेणी की बीमारी कोरोना वायरस अभी देश में फैली हुई है।

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5 अध्ययनों में क्या है?
द क्लाक्सोन ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया है कि चीन और पाकिस्तान के वैज्ञानिकों द्वारा की गई इन पांचों स्टडीज में कई घातक और संक्रामक बीमारियों के जीनोम सिक्वेंसिंग के बारे में भी लिखा गया है। 

ये बीमारियां में वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus), मर्स कोरोना वायरस (MERS-Coronavirus), क्रिमियन-कॉन्गो हेमोरेजिक फीवर वायरस (Crimean-Congo Hemorrhagic Fever Virus), द थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम वायरस (Thrombocytopenia Syndrome Virus) और चिकनगुनिया वायरस (Chikungunya Virus) हैं। 

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चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का सहयोग
एक रिसर्च में पाकिस्तान ने चीन की वुहान इंस्टीट्यूट का उसके सहयोग के लिए शुक्रिया कहा है और इसमें चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) से मिले सहयोग का भी जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि रिसर्च के लिए हजारों पाकिस्तानी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के ब्लड सैम्पल भी इक्कट्ठा किए गए हैं। 

खास बात ये हैं कि रिसर्च में शामिल ये लोग जानवरों के साथ काम करते थे। ये भी बताया जा रहा है कि इन बिमारियों का कोई इलाज नहीं है इसलिए ये बेहद घातक बीमारियां हैं।  

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इतना ही नहीं, रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि जैविक हथियारों के विकास, संचालन और प्रबंधन के लिए चीन के वुहान लैब में पाकिस्तानी वैज्ञानिकों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि ये भविष्य में जैविक हथियारों का जखीरा अपने देश में ही बना सकें।

यहां पढ़ें भारत-चीन विवाद से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरें

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