Friday, Sep 29, 2023
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अगर चीन का करना है बहिष्कार तो खुद तैयार करना होगा सस्ता और टिकाऊ माल

  • Updated on 6/19/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। चीन के साथ संघर्ष के साथ ही एक बार फिर से पूरे देश में चीनी सामान के बहिष्कार की मांग तेज हो गई है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह इतना आसान नहीं है। भारत आज चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गया है। उसका एक कारण चीन के माल का सस्ता होना भी है अगर हमें चीन को मात देनी है तो अपनी नीतियां बदलकर अपने यहां सस्ता और टिकाऊ माल तैयार करना होगा।  

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ईज ऑफ स्टाटिंग बिजनेस पर दें ध्यान
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस के अध्यक्ष का कहना है कि  हमें अपनी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिग के साथ ही ईज ऑफ स्टार्टिंग बिजनेस रैंकिंग पर ध्यान देना होगा। वह बताते हैं हमारे यहां किसी कंपनी को प्लांट लगाने के लिए कई तरह के क्लियरेंस लेने पड़ते हैं मगर चीन में ऐसा नहीं होता। वह कहते हैं भारत के श्रमिक चीन के मुकाबले सस्ते हैं मगर लेकिन फिर भी हमारे सामान की लागत ज्यादा आती है।  

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दवाओं के लिए 90 फीसद API चीन से आता है
वह कहते हैं आज भारत का दवा निर्माण करने के लिए 90 फीसद  एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इन्‍ग्रेडिएंट्स (API) का आयात चीन से होता है। इस पर रोक लगाने से भारत में दवाएं अचानक से महंगी हो जाएंगी। देश में टॉप 5 मोबाइल कंपनियों में से 4 चीन की हैं। 
 
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यूरोपीय देशों से हो जाएगा सामान महंगा
कई लोगों को कहना है कि भारत जिन क्षेत्रों में भी चीन से आयात करता है अगर वह रोक दे और उसकी जगह यूरोपीय देशों से आयात करें तो हमें उसी सामान के ज्यादा पैसे देने पड़ेगे चीन का सामान अन्य देशों की तुलना में काफी सस्ता होता है। जिसकी वजह से हमारा लगाताक चीन के साथ व्यापार बढ़ रहा है।  
 

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