नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद (India China Border Dispute) का असर चीन के सस्ते उत्पादों की बिक्री पर पड़ रहा है। भले ही कुछ बाजार इस साल भी चीनी सामानों से लदे हुए हैं हालांकि भारत के व्यापारिक संगठन चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं।
चीनी उत्पादों के बहिष्कार करने को लेकर चीन इससे बड़ा नुकसान हो रहा है। इस बारे में चीनी सरकार के मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने इसे लेकर एक आर्टिकल छापा है। इस आर्टिकल का शीर्षक गाय के गोबर से बने दीयों को लेकर रखा गया है।
Opinion: With the China-India relationship at a low ebb, it's somehow understandable that the boycott of Diwali-related products from China is more severe than ever. But will cow dung lamps make a better Diwali for India? https://t.co/8Fb095eJHH pic.twitter.com/It4kEkDEqW — Global Times (@globaltimesnews) November 5, 2020
Opinion: With the China-India relationship at a low ebb, it's somehow understandable that the boycott of Diwali-related products from China is more severe than ever. But will cow dung lamps make a better Diwali for India? https://t.co/8Fb095eJHH pic.twitter.com/It4kEkDEqW
इस शीर्षक का नाम है, क्या गाय के गोबर से बने दीयों से भारत में ज्यादा अच्छी दिवाली मनेगी? एक तरह से ग्लोबल टाइम्स ने अपनी भड़ास इस लेख के जरिए निकाली है। लेख में लिखा गया है, भारत-चीन के संबंध इस साल बुरे दौर में हैं और इसीलिए हर बार की तुलना में इस बार चीन के सामान का बड़े पैमाने पर बहिष्कार हो रहा है। लेकिन इससे भारत को ही नुकसान होगा।
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ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीनी सामान के बहिष्कार से गरीब भारतीयों के लिए दिवाली मनाना मुश्किल हो जाएगा। लेख में अखबार ने भारत की कुछ रिपोर्ट्स का जिक्र करते हुए कहा है कि इस दिवाली जयपुर के व्यापारियों ने चीनी लाइट्स और साजो-सामान की वस्तुएं नहीं बेचने का फैसला किया है। बहिष्कार के साथ ही भारतीय उपभोक्ता स्वदेशी सामान पर ज्यादा पैसा खर्च करने के लिए भी तैयार हैं।
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ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, "कुछ भारतीय अखबारों ने ये भी दावा किया है कि चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने से चीन को करीब 400 अरब रुपये तक का नुकसान हो सकता है। ये सोच दिखाती है कि चीन के निर्यात की ताकत को लेकर भारतीयों की समझ कितनी कम है। भले ही भारत में दिवाली एक प्रमुख त्योहार है लेकिन चीन के छोटी वस्तुओं के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। चीन का झेजियांग प्रांत दुनिया का स्मॉल कमोडिटी का सबसे बड़ा हब है और क्रिसमस की तुलना में दिवाली में व्यापार का स्तर कुछ भी नहीं है।"
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