Tuesday, Oct 03, 2023
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chun chun ke phool lelo in malini''''''''s style

मालिनी का चुन चुन के फूल ले लो अंदाज

  • Updated on 12/20/2021

नई दिल्ली/पुष्पेंद्र मिश्र। चुन चुन के फूल ले लो अरमान रह न जाए...ये हिंद का बगीचा गुलजार रह न जाए...हारमोनियम पर जब ये पंक्तियां पद्मश्री लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने प्रस्तुत कीं तो ऑडिटोरियम तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। ये नजारा था रविवार को जश्न-ए-अदब के 10वें संस्करण में इंंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सीडी देशमुख ऑडिटोरियम में देर शाम आयोजित हुए सुर बंजारा कार्यक्रम का।

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गुरु शिष्य परंपरा से ही भारतीय संगीत को कर सकते हैं आत्मसात 
कार्यक्रम में यतींद्र मिश्र से बात करते हुए मालिनी अवस्थी ने उपशास्त्रीय गायन, कजरी, ख्याल, ठुमरी, जीरा, पीपर, चउमासा, मुबारक, सोहर, दादरा पर खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि कलाकार वही बनता है जिसके साथ कोई न कोई सोच जुड़ी होती है। साथ ही गुरु शिष्य परंपरा पर उन्होंने कहा कि यही परंपरा है जिससे आप भारतीय संगीत को आत्मसात कर सकते हैं। क्योंकि लोग गायकी को सीखते नहीं बल्कि एक पूरी विरासत को अपने अंदर संजो रहे होते हैं। गायकी उस विरासत का एक हिस्सा भर है। उन्होंने अपनी गुरु गिरिजा देवी, उस्ताद राहत अली से जुड़े संस्मरण सुनाए।

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तवायफों ने बनाए रखी संगीत परंपरा 
तवायफों पर उन्होंने काफी लंबे समय तक बात की जिसमें उन्होंने कहा कि तवायफों ने संगीत परंपरा बनाए रखी और मिराज ने शादियों का मंगलगान जगा कर रखा। गाना बजाना अहसास का काम है जो आप तब तक नहीं कर सकते जब तक दिल न टूटे, किसी से इश्क न हो। उन्होंने बेगम अख्तर, गुलाब बाई के बारे में तमाम जानकारियां दर्शकों को दीं।

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किसी भी क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए मेहनत बहुत जरूरी है : आरजे नावेद
दिल्ली के डॉन, टोटल फिल्मी और मिर्ची मुर्गा से मशहूर हुए आरजे नावेद ने आमना मिर्जा से आवाज का जादू कार्यक्रम में हुई बातचीत में कहा कि मैं जो लोगों में देखता हूं वही लोगों तक पहुंचा देता हूं। आवाज के साथ अक्ल का इस्तेमाल करना बहुत बड़ा चैलेंज है। नए कंटेंट पर उन्होंने कहा कि पहले लोग दूरदर्शन और एआईआर देखते थे। एक जैसा कंटेट मिलता था लेकिन अब रेडियो, टेलीविजन और ओटीटी ने लोगों को नए बदलावों से रुबरू कराया है। नए बदलावों का स्वागत है जितने बदलाव आएंगे लोगों को उतना नया कंटेंट मिलेगा। 16 साल से रेडियो इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बना चुके नावेद ने कहा कि मेहनत बहुत जरूरी है चाहे आप किसी भी क्षेत्र में काम कर रहे हों।

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रघुवीर यादव का गायक रूप भी खूब नजर आया
जश्ने-अदब के तीसरे दिन अभिनेता रघुवीर यादव का गायक रूप भी लोगों को खूब नजर आया। साथ ही पद्म श्री अशोक चक्रधर ने भी कवि सम्मेलन में लोगों को अपने काम से सोचने पर मजबूर कर दिया। कव्वाल जुनैद सुल्तानी और गजल गायक शकील अहमद ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से कला प्रेमियों का दिल जीत लिया। जिसमें शकील ने आज जाने की जिद न करो...गाकर महफिल लूट ली। तीसरे दिन सेमिनार हॉल में जश्न-ए-अदब की शुरुआत ‘अपराध कथा की वापसी : नैना और पिशाच के साथ’ कार्यक्रम से हुई। जिसमें यतीद्र मिश्रा, संजीव पालीवाल व आशुतोष ने किताब पर परिचर्चा की।

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व्यंग शिखर सम्मान से कार्टूनिस्ट इरफान हुए सम्मानित
जश्न-ए-अदब फाउंडेशन ने महोत्सव के आखिरी दिन साहित्योत्सव 2021 व्यंग शिखर सम्मान से कार्टूनिस्ट इरफान खान को सम्मानित किया। कथा शिखर सम्मान 2021 मिला उपन्यासकार गोविंद मिश्रा को और भारतीय शास्त्रीय नृत्य में उत्कृष्ठता के साहित्योत्सव पुरस्कार 2021 डॉ. सोनल मानसिंह को दिया गया। इस सम्मान समारोह में शमीम हानफी, सलमा सुल्तान, परवेज अहमद और मुस्ताक अहमद युसुफी को भी सम्मानित किया गया।

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