नई दिल्ली/टीम डिजिटल। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने चेहरे की पहचान करने वाली प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के के तहत पूछे गए सवालों का ‘‘बिलकुल गलत’’ उत्तर देने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है और कहा है कि जवाब में ‘‘कानूनी खामियां’’ हैं तथा इससे संकेत मिलता है कि 'दिमाग का कोई इस्तेमाल' नहीं किया गया।
उदयपुर हत्या, आतंकवादी के ‘‘भाजपा से संबंध’’ की न्यायिक जांच जरूरी : TMC
आयोग ने दिल्ली पुलिस को जांच में चेहरे का पता लगाने वाली तकनीक के उपयोग, तकनीक की सटीकता दर, तुलना के लिए संर्दिभत डेटाबेस और क्या इसका उपयोग पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे की जांच सहित अन्य मामलों किया गया था, के बारे में जानने के लिए आरटीआई आवेदनों पर संशोधित जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
आतंकी तालिब हुसैन शाह को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर बोला हमला, उठाए सवाल
यह मामला अनुष्का जैन द्वारा दायर तीन आरटीआई आवेदनों से संबंधित है, जिन्होंने पुलिस द्वारा मामलों की जांच और यातायात प्रबंधन में प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में जानना चाहा था। दिल्ली पुलिस ने आरटीआई कानून की एक धारा का हवाला देते हुए सूचना देने से इनकार किया जो वाणिज्यिक विश्वास, व्यापार रहस्य या बौद्धिक संपदा से संबंधित रिकॉर्ड के प्रकटीकरण और ऐसी चीजों के प्रकटीकरण से छूट देती है, जिससे किसी तीसरे पक्ष की प्रतिस्पर्धी स्थिति को नुकसान पहुंचे।
केजरीवाल का आरोप - दिल्ली को पूर्ण केंद्रशासित राज्य बनाने की चर्चा, अगर ऐसा हुआ तो...
मुख्य सूचना आयुक्त वाई के सिन्हा ने अपने फैसले में कहा, Þसभी तात्कालिक मामलों में प्रतिवादी लोक प्राधिकरण (दिल्ली पुलिस) द्वारा आरटीआई अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को गलत रूप से लागू किए जाने के मद्देनजर, पीआईओ को भविष्य में आरटीआई आवेदनों से निपटने में सावधानी बरतने की चेतावनी दी जाती है।'
राहुल गांधी के बयान का मामला: टीवी एंकर को छत्तीसगढ़ की बजाए यूपी पुलिस ने लिया हिरासत में
सिन्हा ने कहा, '.. आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 8(1)(डी) के प्रावधान को सूचना से वंचित करने के लिए लागू नहीं किया जाना चाहिए था क्योंकि इससे किसी तीसरे पक्ष की प्रतिस्पर्धी स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की संभावना नहीं है। इस प्रकार, पीआईओ (लोक सूचना अधिकारी) द्वारा दिए गए उत्तर तथा इन्हें गलत तरीके से बहाल रखने का एफएए (प्रथम अपील अधिकारी) का आदेश कानूनी कमजोरियों से ग्रस्त है और संकेत देता है कि पीआईओ या एफएए द्वारा दिमाग का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया।'
योगी सरकार के 100 दिन के मौके पर अखिलेश यादव ने तबादलों पर सवाल उठाए
जैन ने पुलिस से यह भी जानना चाहा था कि क्या तकनीक का उपयोग शुरू करने से पहले कोई गोपनीयता प्रभाव मूल्यांकन किया गया था। सीआईसी ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह आरटीआई अधिनियम के सही प्रावधानों के तहत सटीक सूचना उपलब्ध कराए।
पंजाब में नए मंत्रियों को विभाग आवंटित, अमन अरोड़ा को मिला शहरी विकास
आज से नई कर व्यवस्था लागू, नए वित्त वर्ष में हुए कई अहम बदलाव, पढ़ें...
प. बंगाल रामनवमी हिंसाः हावड़ा में निषेधाज्ञा अब भी लागू
Odysse Electric ने लॉन्च की सस्ती इलेक्ट्रिक बाइक, सिर्फ 999 रुपये...
ऑनलाइन ‘प्रेमिका' ने दिल्ली के युवक से डेढ़ लाख रुपये ठगे
जॉर्जिया असम्बेली में ‘हिंदूफोबिया' के खिलाफ प्रस्ताव, कहा- हिंदू...
जानें कौन थे सैयद अब्दुल रहीम, Maidaan में जिनका किरदार निभा रहे हैं...
PM की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगने पर CM केजरीवाल पर कोर्ट ने...
MasterChef India 7 के विनर बने नयन ज्योती, ट्रॉफी के साथ मिले इतने...
पाकिस्तान: कराची में खाद्यान्न वितरण केंद्र पर हुई भगदड़ में 12 लोगों...
आकांक्षा दुबे की मौत से पहले का CCTV फुटेज आया सामने, इस शख्स के साथ...