नई दिल्ली / टीम डिजिटल। आवास और शहरी मामला एवं पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भले ही हमारे शहर देश की अर्थव्यवस्था के इंजन हैं, लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करना बेहद जरूरी है। विशेषतौर पर कोरोना के प्रभाव के बाद से शहरी आबादी के लिए यह और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
शहरी आबादी लगभग दोगुनी होकर 630 मिलियन हो जाएगी
उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत में शहरी आबादी लगभग दोगुनी होकर 630 मिलियन हो जाएगी। पुरी ने दावा कि पिछले छह वर्षों (2015-2021) में शहरी विकास पर कुल खर्च में आठ गुना वृद्धि हुई है। आंकड़े के अनुसार लगभग 11.83 लाख करोड़ रुपये है, जबकि 2004 से 2014 तक यह आंकड़ा 1.57 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार, भारत के सभी 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में व्यापक तौर पर जल आपूर्ति सुनिश्चित करने और अमृत योजना के तहत 500 शहरों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 2.8 लाख करोड़ रुपये की लागत से जल जीवन मिशन (शहरी) की शुरूआत करेगी।
आत्मनिर्भर भारत तभी संभव होगा जब हमारे नगर उत्पादक बनेंगे
इसके अलावा सरकार 1.41 लाख करोड़ रुपये की लागत से स्वच्छ भारत मिशन 2.0 भी शुरू करेगी। जिसके तहत कीचड़ प्रबंधन, अपशिष्ट जल उपचार, कचरे के स्रोत को अलग करने, एकल उपयोग प्लास्टिक में कमी लाने तथा निर्माण कार्य एवं ढहाने में अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा वायु प्रदूषण के नियंत्रण और जैव-उपचार डंप साइटों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक आत्मनिर्भर भारत तभी संभव होगा जब हमारे शहर उत्पादक बनेंगे। पुरी ने पांच दिवसीय कार्यक्रम 'कनेक्ट करो 2021 - टुवड्र्स इक्विटेबल, सस्टेनेबल इंडियन सिटीजÓ के उद्घाटन अवसर पर यह विचार रखे।
पेगासस मामले में केंद्र ने SC से कहा- उसके पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं
पुरी ने कहा कि 2030 तक, राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) का लगभग 70 प्रतिशत हमारे शहरों से आएगा, क्योंकि तेजी से बढ़ता शहरीकरण समुदायों की क्षमता को बढ़ाता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भले ही शहर हमारे देश की अर्थव्यवस्था के इंजन बन जाते हैं, लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करना भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि 2030 तक तेजी से शहरीकरण के कारण भारत में शहरी आबादी लगभग दोगुनी होकर 630 मिलियन हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर हमें विकास के इस स्तर को सुगम बनाना है, तो हमें अपने शहरी बुनियादी ढांचे को काफी उन्नत करना होगा। क्योंकि शहरों पर कोविड-19 के भयानक प्रभाव ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।
अभी से पर्यावरण को लेकर विचार करना होगा पुरी ने कहा कि हमारे शहरों की क्षमता को साकार करना केवल एक आर्थिक अनिवार्यता नहीं है बल्कि यह एक पर्यावरणीय वास्तविकता भी है। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि हमारे शहर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के मैदान होंगे, इसमें लोगों को अभी से पर्यावरण को लेकर विचार करना होगा।। उन्होंने कहा कि शहर जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा पोषक होने के साथ-साथ सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
शहरी परिवहन सेवाओं का होगा विस्तार शहरी परिवहन योजना के तहत 20,000 से अधिक बसों के लिए (पीपीपी) सार्वजनिक-निजी भागीदारी लागू करके सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम देश भर में सार्वजनिक परिवहन और गैर-मोटर चालित परिवहन (एनएमटी) विकल्पों का समर्थन कर रहे हैं। वर्तमान में, 18 शहरों में 721 किलोमीटर की मेट्रो लाइन चालू है और 27 शहरों में 1,058 किलोमीटर मेट्रो का एक नेटवर्क निर्माणाधीन है, जिससे यातायात की भीड़ और संबंधित वायु गुणवत्ता और उत्सर्जन संबंधी चिंताओं को कम किया जा सकता है।
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