Saturday, Sep 23, 2023
-->
Climate a big challenge for most developing countries including India: PM Modi rkdsnt

भारत सहित ज्यादातर विकासशील देशों के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती: पीएम मोदी

  • Updated on 11/1/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत सहित अधिकतर विकासशील देशों के लिए जलवायु को एक बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा कि इस विषय को लेकर वैश्विक चर्चाओं में अनुकूलन को उतना महत्व नहीं दिया गया जितना उसके प्रभावों को कम करने को दिया गया। उन्होंने इसे जलवायु परिवर्तन से अधिक प्रभावित विकासशील देशों के साथ ‘‘अन्याय’’ करार दिया।      अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन ‘सीओपी-26’ के एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने अनुकूलन को विकास नीतियों और परियोजनाओं का मुख्य अंग बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।   

पीएम गतिशक्ति प्लान को लेकर सरकार ने गठित किया सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक जलवायु चर्चा में अनुकूलन को उतना महत्व नहीं मिला है, जितना उसके प्रभावों को कम करने को। यह उन विकासशील देशों के साथ अन्याय है, जो जलवायु परिवर्तन से अधिक प्रभावित हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत समेत अधिकतर विकासशील देशों के लिए जलवायु बड़ी चुनौती है।     

 SBI के पूर्व अध्यक्ष गिरफ्तार, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

उन्होंने कहा, ‘‘खेती के तौर तरीकों में बदलाव आ रहा है, असमय बारिश और बाढ़ या लगातार आ रहे तूफानों से फसलें तबाह हो रही हैं। पेय जल के स्रोत से लेकर सस्ते मकानों तक, सभी को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव सहन करने के अनुकूल बनाने की जरूरत है।’’ इस संदर्भ में अपने तीन विचार प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अनुकूलन को विकास नीतियों और परियोजनाओं का मुख्य अंग बनाने पर बल दिया।  

मंत्रालय का ONGC को मुंबई हाई, बसई फील्ड में हिस्सेदारी विदेशी कंपनियों को देने का निर्देश

    उन्होंने कहा, ‘‘भारत में नल से जल, स्वच्छ भारत और उज्ज्वला जैसी परियोजनाओं से जरूरतमंद नागरिकों को अनुकूलन के फायदे तो मिले ही हैं, उनके जीवन स्तर में भी सुधार आया है।’’  उन्होंने कहा कि कई पारंपरिक समुदायों में प्रकृति के साथ सामंजस्य में रहने का ज्ञान है, लिहाजा अनुकूलन नीतियों में पारंपरिक पद्धतियों को उचित महत्व मिलना चाहिए।   

समीर वानखेड़े के बाद नवाब मलिक के निशाने पर अब फडणवीस की पत्नी अमृता

  उन्होंने कहा, ‘‘ज्ञान का यह प्रवाह नई पीढ़ी तक भी जाए, इसके लिए स्कूल के सिलेबस में इसे जोड़ा जाना चाहिए।’’      उन्होंने कहा कि अनुकूलन के तरीके चाहें स्थानीय हों लेकिन पिछड़े देशों को इनके लिए वैश्विक समर्थन मिलना चाहिए।     उन्होंने सभी देशों से आपदा प्रबंधन अवसंरचना पर भारत की पहल से जुडऩे का अनुरोध भी किया।

comments

.
.
.
.
.