नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में हालिया गिरावट का जिक्र करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के लिए उस शेयर बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता जहां नयी पेंशन योजना (एनपीएस) का पैसा निवेश किया जा रहा है। गहलोत ने देशभर में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने की फिर वकालत करते हुए कहा कि देश में कर्मचारियों के लिए ओपीएस एक न एक दिन बहाल करनी ही पड़ेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस दिशा आगे आकर पुनर्विचार करना चाहिए। गहलोत ने इसके साथ ही कहा कि केंद्र ने एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य को नहीं लौटाया तो राज्य सरकार अदालत का दरवाजा खटखाएगी। गहलोत ने कहा कि देश में कर्मचारियों के लिए ओपीएस एक न एक दिन बहाल करनी ही पड़ेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस दिशा आगे आकर पुनर्विचार करना चाहिए।
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गहलोत यहां राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर दे रहे थे। राज्य सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस की जगह ओपीएस बहाल करने के फैसले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण मामला है।'' अडाणी कंपनियों के शेयरों में हालिया गिरावट का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘अभी जो अडाणी साब का शेयर गिर रहा है, पूरे देश दुनिया में तहलका मच गया है। हमने पहले ही कहा था कि हम एनपीएस के माध्यम से कर्मचारी बंधुओं को, जो हमारे ही भाई हैं, उन्हें शेयर बाजार की दया पर नहीं छोड़ सकते। यह मैंने कहा था, वही बात आज लागू हो गई। आज पूरा देश हिल गया और पूरी दुनिया में इसकी चर्चा है।''
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गहलोत ने कहा, ‘‘इसका जवाब दे प्रधानमंत्री मोदी जी पहले देश को कि एनपीएस लागू क्यों रखना चाहते हैं वे। मैंने उनसे बात भी की है... मैं छोड़ने वाला किसी को नहीं हूं। मुझे अगर आप सब ने मिलकर बैठाया तो मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं खुलकर बात करूं। मैंने उनसे भी बात की है।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं फिर कहना चाहूंगा कि पूरे सदन को इस मुद्दे पर एकजुट होकर बात करनी चाहिए। ओपीएस लागू करनी पड़ेगी ... आज नहीं तो कल करना पड़ेगा यह मेरा मानना है।'' केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य सरकार को नहीं लौटाने पर गहलोत ने कहा, ‘‘पूरा पैसा जो हमारा जमा है, वह भारत सरकार हमें वापस दे नहीं रही है... ओपीएस लागू करने के बावजूद नहीं दे रही है। और हम कहना चाहेंगे नहीं देंगे तो हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे। उच्च न्यायालय जाएंगे लेकिन वह पैसा हम लेकर रहेंगे।'' गहलोत ने कहा, ‘‘भारत सरकार को आगे आकर ओपीएस बहाल करने पर पुनर्विचार करना चाहिए और पूरे देश में ओपीएस लागू होनी चाहिए।'' इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार समाज के सभी वर्गों व धर्मों को बिना भेदभाव साथ लेकर चल रही है।
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इस पर कटाक्ष करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘हमारे हिंदुस्तान में तमाम जाति, वर्ग, धर्मों का साथ लेकर प्रधानमंत्री चल रहे हैं... राजग सरकार चल रही है... इससे बड़ा झूठ तो कोई हो ही नहीं सकता।'' गहलोत ने कहा, ‘‘हमारा, हमारी पार्टी का मुद्दा यही है। राहुल गांधी का भारत जोड़ो अभियान क्या है। यही तो है कि देश में शांति, भाईचारा प्यार मोहब्बत रहे। यही तो हमारी सोच है। हमारी सोच है कि देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन सब एक रहें।'' नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसका जवाब देंगे नेता प्रतिपक्ष कि लोकसभा व राज्यसभा में भाजपा का एक भी सदस्य मुस्लिम नहीं है .. न उत्तर प्रदेश में है। किस लोकतंत्र की बात आप करते हैं क्या आपकी लोकतांत्रिक सोच है। इतने बड़ा धर्म जिसकी आबादी 20 प्रतिशत है ... आपकी पार्टी ने एक टिकट नहीं दिया, न लोकसभा में, न उत्तर प्रदेश में न आने दिया राज्यसभा में। किस मुंह से आप सबको साथ लेने की बात करते हैं आप।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकार, योजनाएं तो सबके लिए बनती हैं। अपनी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘आज जो कुछ हमने किया है वह देश में इतिहास बन चुका है। हम मोदी जी को कहते हैं कि दो काम के लिए आगे आएं एक तो सामाजिक सुरक्षा कानून बनाएं। पूरे मुल्क में विभिन्न लोगों को एक समान पेंशन का कानून बने।''
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गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान राज्य सरकार का कामकाज शानदार रहा और यह 'गेम चेंजर' साबित होगा। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार की जो परफारमेंस (प्रदर्शन) है वह लगातार तारीफ के काबिल है ... कोरोना प्रबंधन में हम देश में नंबर वन हैं ... केरल में तो सरकार ही इसलिए ‘रिपीट' हो गई क्योंकि वहां का कोरोना प्रबंधन शानदार रहा उनके हिसाब से। हम उनसे कम नहीं हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जो केरल में हुआ व राजस्थान में होगा, सरकार ‘रिपीट' हमारी होगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना का प्रबंधन हमारे लिए 'गेम चेंजर' होगा ...कोई कम मेहनत नहीं की हमने। यह सब राजस्थान के वे लोग जानते हैं जो तकलीफ में आए थे।'' उन्होंने कहा कि प्रतिकूल हालात के बावजूद वर्ष 2021-22 में राज्य की आर्थिक विकास दर 11.04% रही है एवं राजस्थान की आर्थिक विकास दर देश में आंध्र प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में 2018-19 में यह दर 2.7 प्रतिशत पर आ गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने घोषणा पत्र के 80 प्रतिशत वादे पूरे किए हैं और 20 प्रतिशत प्रगतिरत हैं।''
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गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने 90 प्रतिशत बजटीय घोषणाओं की स्वीकृति जारी कर दी है। गहलोत ने कहा, ‘‘चार साल की हमारी उपलब्धियां राजस्थान के इतिहास में दर्ज हो गई हैं।'' अभिभाषण को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के आक्षेपों को खारिज करते हुए गहलोत ने कहा कि 'इनमें कुछ दम नहीं है।' विधानसभा उपचुनावों में सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने 9 में से 7 उपचुनाव जीते हैं जबकि जब भाजपा की सरकार थी तो वह आठ में से छह उपचुनाव हार गई थी।'' गहलोत ने कहा, ‘जनता माई-बाप होती है। जनता ने कुछ सोचकर हमें जिताया, तो कुछ सोचकर ही आपको हराया होगा।'' पेपर लीक प्रकरण में गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने हर संभव कदम उठाया है। इसके साथ ही उन्होंने इस मुद्दे को लेकर आंदोलन कर रहे नेताओं विशेषकर भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा पर कटाक्ष किया। मुख्यमंत्री के उत्तर के बाद सदन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया।
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