नई दिल्ली/ टीम डिजीटल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को चुनाव प्रचार के सिलसिले में जनपद गाजियाबाद का रूख किया। इस दरम्यान वह 5 में से सिर्फ 2 विधान सभा क्षेत्र में डोर-टू-डोर संपर्क और जनसभा करने पहुंचे। जनता भी उन्हें देखने और मिलने को उतावली नजर आई।
सिर्फ साहिबाबाद-गाजियाबाद में कार्यक्रम इसे महज इत्तेफाक कहें अथवा भाजपा की सोची-समझी रणनीति, सीएम योगी के कार्यक्रम के लिए जिन 2 विधान सभा क्षेत्र का चयन किया गया, वहां इस बार पार्टी प्रत्याशियों को अपनों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। गाजियाबाद और साहिबाबाद सीट पर भाजपा के खिलाफ कई बागियों ने मोर्चा खोल रखा है। इसके अलावा साहिबाबाद उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा विधान सभा क्षेत्र हैं।
सूबे का सबसे बड़ा विधान सभा क्षेत्र जहां पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने डेढ़ लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज कर रिकॉर्ड कायम किया था। जबकि गाजियाबाद सीट पर मौजूदा विधायक और योगी सरकार के मंत्री दोबारा से किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि यह दोनों सीट पार्टी की नजर में कितनी महत्वपूर्ण हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार को पहले साहिबाबाद और फिर गाजियाबाद में पहुंचे।
ड्रैमेज कंट्रोल की कोशिश दोनों क्षेत्रों में जनसंपर्क एवं सभा कर उन्होंने भाजपा के प्रति चुनावी माहौल बनाने की हरसंभव कोशिश की। सीएम योगी के इस दौरे के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम है। गाजियाबाद और साहिबाबाद विस क्षेत्र में सीएम के कार्यक्रमों को ड्रैमेज कंट्रोल की कोशिश के नजरिए से भी देखा जा रहा है। दरअसल गाजियाबाद सीट से भाजपा ने अतुल गर्ग और साहिबाबाद सीट से सुनील कुमार शर्मा को पुन: चुनाव मैदान में उतारा है।
बागियों ने बढ़ा रखी हैं मुश्किलें दोनों मौजूदा विधायक हैं। इस बार दोनों प्रत्याशियों का विरोध भी देखने को मिला है। गाजियाबाद में अतुल गर्ग को टिकट मिलने से नाराज होकर आशुतोष गुप्ता, रानी देवश्री व पिंटू सिंह भाजपा छोड़कर निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान में आ गए हैं। जबकि साहिबाबाद में डॉ. सपना बंसल व सच्चिदानंद शर्मा निर्दलीय प्रत्याशी हैं। डॉ. सपना भाजपा समर्थक और शर्मा पार्टी पदाधिकारी रहे हैं।
एक को मनाने में सफल सच्चिनानंद शर्मा को मनाने व साधने में भाजपा सफल भी हो गई है। वैश्य समाज के अलावा पूर्वांचल और बिहार के प्रवासी नागरिक भी भाजपा से खफा दिख रहे हैं। साहिबाबाद सीट पर 2017 विधान सभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुनील शर्मा ने रिकॉर्ड डेढ़ लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी। यूपी में यह सबसे बड़ी जीत थी।
प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा का सवाल उन्हें 61.69 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि गाजियाबाद से अतुल गर्ग ने 70 हजार से ज्यादा वोट से सफलता अर्जित की थी। उन्हें 54.99 प्रतिशत मत मिले थे। उधर, भाजपा नेताओं का दावा है कि सीएम का गाजियाबाद आने का कार्यक्रम पूर्वनिर्धारित था।
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