नई दिल्ली/टीम डिजिटल। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने बुधवार को कहा कि बिहार में महागठबंधन की वापसी से देश में धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को मजबूती मिलेगी। स्टालिन ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आदरणीय नीतीश कुमार और मेरे भाई तेजस्वी यादव को क्रमश: बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक शुभकामनाएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में महागठबंधन की वापसी देश की धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों की एकता की राह में सही समय पर हुआ एक सही प्रयास है।’’
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सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने नौ अगस्त को कहा था कि उसके अध्यक्ष स्टालिन के राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के दृष्टिकोण को, नीतीश कुमार की जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर होने के बाद गति मिली है।
धर्मनिरपेक्ष ताकतों को साथ लाने की शुरुआत : महबूबा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि बिहार में जनता दल (यूनाइटेड)-राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन सरकार के गठन तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि यह देश में धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को साथ लाने की असली शुरुआत बनना चाहिए। बिहार में जदयू नेता नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव के क्रमश: मुख्ममंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद महबूबा मुफ्ती का यह बयान सामने आया।
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महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘ नीतीश कुमार जी और तेजस्वी यादव को बधाई । यह महज किसी सरकार का गठन भर नहीं रहना चाहिए बल्कि धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक ताकतों को साथ लाने की असली शुरुआत बनना चाहिए। क्षेत्रीय दलों ने सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी तत्वों का मुकाबला करने में अहम भूमिका निभायी है और आगे भी निभाते रहेंगे।’’
नीतीश कुमार ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने की घोषणा की और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ ही देर बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया था। कुमार ने बुधवार को आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
‘पिछले दरवाजे से राजनीति के दौर’ का माकूल जवाब दिया : टीआरएस तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की विधायक के. कविता ने बुधवार को कहा कि बिहार में हुआ राजनीतिक घटनाक्रम पूरे देश के लिए एक सकारात्मक बदलाव है क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘पिछले दरवाजे से राजनीति के दौर’ का सटीक जवाब दिया है। यहां संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार और नालंदा विश्वविद्यालयों ने हमेशा दुनिया को रास्ता दिखाया है और अब देश के लिए भी वही कर रहे हैं।
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टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह पूरे देश के लिए सकारात्मक बदलाव है क्योंकि नीतीश कुमार ने ‘पिछले दरवाजे से राजनीति के दौर’ का बहुत अच्छी तरह से जवाब दिया है, मैं यह व्यक्तिगत रूप से मानती हूं...पिछले दरवाजे की राजनीति चाहे एक तरफ हो या दूसरी तरफ हो, यह रुकना चाहिए और बिहार ने रास्ता शुरू कर दिया है।’’ नीतीश कुमार ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने की घोषणा की और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ ही देर बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया था। कुमार ने बुधवार को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
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कविता ने आगे कहा कि वह बिहार के लोगों द्वारा दिए गए फैसले को बनाए रखने के लिए कुमार और महागठबंधन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि,यह उनकी घरेलू समस्या है जिसे मैं नहीं जानती कि किसने किसकी पीठ में छुरा घोंपा, लेकिन आखिरकार बिहार के लोग नीतीश को मुख्यमंत्री के रूप में चाहते हैं। ’’
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