श्रीनगर/ब्यूरो। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हिमालय क्षेत्र औषधियों का भंडार है मगर उपयोग की सही समझ अभी तक विकसित नहीं हो पाई है। औषधीय गुण से युक्त वनस्पतियों की सही विधि का इस्तेमाल कर इसे धरातल पर उतारा जाएगा। इस दिशा में भी सरकार कार्य कर रही है।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बिडला परिसर में वीरवार को हिमालय में पर्यावरण, संसाधन एवं विकास विषय पर तीन दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस का दीप प्रज्ज्वलित कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया।
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उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हिमालय की गतिविधियों को लेकर हमें गंभीरता से सोचना होगा। कहा कि प्रदेश में चीड़ बड़े भू-भाग पर मौजूद है और इससे 143 प्रोडक्ट तैयार किए जा सकते हैं। हिमालय क्षेत्र की वनस्पतियों के उपयोग को लेकर भी सोच विकसित करनी होगी।
प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर है और इस दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी ने हिमालय पर्यावरण को लेकर जागरूक की आवश्यकता बताई। शुभारंभ पर कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल, प्रो. आरएस पंवार, प्रो. केसी पुरोहित, डॉ. एसपी कोशी, डॉ. केएस सोहिल, डॉ. विमल, डॉ. पीएम काला, जगत सिंह जंगली आदि मौजूद रहे।
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