नई दिल्ली/टीम डिजिटल। पिछले साल जून में लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के बर्बर हमले के खिलाफ मोर्चे की अगुवाई करने वाले 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बिकूमल्ला संतोष बाबू को मंगलवार को मरणोपरांत महावीर चक्र प्रदान किया गया।
Col Santosh Babu accorded Mahavir Chakra posthumously for resisting Chinese Army attack while establishing an observation post in the face of the enemy in Galwan valley in Ladakh sector during Operation Snow Leopard. His mother and wife receive the award from President. pic.twitter.com/oxonlAvEWL — ANI (@ANI) November 23, 2021
Col Santosh Babu accorded Mahavir Chakra posthumously for resisting Chinese Army attack while establishing an observation post in the face of the enemy in Galwan valley in Ladakh sector during Operation Snow Leopard. His mother and wife receive the award from President. pic.twitter.com/oxonlAvEWL
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संघर्ष के दौरान ‘अनुकरणीय साहस’ का प्रदर्शन करने के लिए उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में बाबू की पत्नी बी संतोषी और मां मंजुला ने पुरस्कार ग्रहण किया। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने शिरकत की।
#WATCH | Col Santosh Babu accorded Mahavir Chakra posthumously for resisting Chinese Army attack while establishing an observation post in the face of the enemy in Galwan valley in Ladakh sector during Operation Snow Leopard. His mother and wife receive the award from President. pic.twitter.com/vadfvXBz9M — ANI (@ANI) November 23, 2021
#WATCH | Col Santosh Babu accorded Mahavir Chakra posthumously for resisting Chinese Army attack while establishing an observation post in the face of the enemy in Galwan valley in Ladakh sector during Operation Snow Leopard. His mother and wife receive the award from President. pic.twitter.com/vadfvXBz9M
परमवीर चक्र के बाद महावीर चक्र दूसरा सर्वोच्च युद्धकालीन वीरता पुरस्कार है। चार अन्य सैनिकों, नायब सूबेदार नुदुरम सोरेन, हवलदार (गुन्नूर) के पलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया । उन्होंने पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में हुए संघर्ष में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
इससे पहले, सोमवार को भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान को उनके अदम्य शौर्य और साहस के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को वीर चक्र से सम्मानित किया। अभिनंदन ने 2019 में पाकिस्तान के साथ हवाई संघर्ष के दौरान दुश्मन के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था और उन्हें उस देश में तीन दिन तक बंधक बनाकर रखा गया था।
विंग कमांडर अभिनंदन वीर चक्र से सम्मानित, मार गिराया था PAK का F-16
पुरस्कार के साथ दिए गए प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि वायुसेना के लड़ाकू पायलट को हवाई संघर्ष के दौरान कर्तव्य की असाधारण भावना प्रर्दिशत करने के लिए भारत के तीसरे सबसे बड़े युद्धकालीन वीरता पदक से सम्मानित किया गया है।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। इस अवसर पर कई अन्य सैन्य अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। इस महीने की शुरुआत में, वायुसेना ने वर्धमान की पदोन्नति ग्रुप कैप्टन के रूप में की थी। पाकिस्तान के साथ हुए हवाई संघर्ष के दौरान उनकी रैंक विंग कमांडर की थी।
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