नई दिल्ली/टीम डिजिटल। केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश बी एन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में डाटा संरक्षण के उपायों पर विचार के लिये एक समिति गठित की गयी है। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस मामले में कानून बनाया जा सकता है।
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सरकार ने न्यायालय से कहा कि पूरी संभावना है कि इस समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद ही देश में डाटा संरक्षण को नियंत्रित करने के बारे में कोई कानून पारित कराया जायेगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ को यह जानकारी केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दी।
उन्होने कहा कि इस समिति में इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है जो डाटा संरक्षण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर गहराई से विचार के बाद सरकार से विशिष्ट सिफारिशें करेगी।
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व्हाट्सएेप की निजता नीति को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय में दावा किया कि व्हाट्सएेप उसकी सेवाओं का इस्तेमाल करने वालों के आंकडे फेसबुक और विभिन्न तीसरे पक्षों के साथ साझा कर रहा है। शीर्ष अदालत ने व्हाट्सएेप और फेसबुक को चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करके यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि क्या वे तीसरे पक्ष के साथ आंकडे साझा कर रहे हैं।
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