नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सोमवार को आरोप लगाया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर से जुड़े आंकड़ों में हेरफेर की गई ताकि अर्थव्यवस्था में सुधार की स्थिति दिखाई जा सके। उन्होंने यह दावा भी किया कि पहली तिमाही में जिन सूचकों के आधार पर जीडीपी वृद्धि दर निर्धारित की गई थी, दूसरी तिमाही में इनके साथ कई अन्य सूचक भी जोड़ दिए गए।
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सरकारी आंकड़े के मुताबिक, दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर -7.5 फीसदी रही है। कांग्रेस नेता वल्लभ ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘जब पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर के निर्धारण के लिए 17 सूचक थे, तो फिर दूसरी तिमाही में छह और सूचक क्यों जोड़े गए? इनमें से पांच ऐसे सूचक जोड़े गए जिनसे आंकड़ों में हेरफेर करके जीडीपी को बढ़ाया जा सके।’’
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वल्लभ ने दावा किया, ‘‘अगर हम पहली तिमाही के सूचकों के आधार पर दूसरी तिमाही के जीडीपी वृद्धि दर को मापते हैं तो यह गिरावट -10 फीसदी या उससे भी ज्यादा होती। लेकिन आंकड़ों में हेरफेर किया गया ताकि यह दिखाया जा सके कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को आंकड़ों में हेरफेर करने की बजाय उपभोग को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए जिससे बाजार में मांग बढ़े और रोजगार सृजन हो। इसी से देश का भला होगा।’’
शाह को उम्मीद, सकारात्मक रहेगी जीडीपी की वृद्धि दर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उम्मीद जताई है कि अगली तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सकारात्मक रहेगी। चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। शाह ने अहमदाबाद में वर्चुअल तरीके से सड़क के ऊपर दो पुलों का उद्घाटन करने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी की वजह से पैदा हुए संकट से निपटने के लिए उन्होंने पैकेज की भी घोषणा की है।
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शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई ने कोविड-19 महामारी के दौरान के समय का इस्तेमाल नीति तैयार करने के लिए किया है। उन्होंने इसके अर्थव्यवस्था पर दीर्घावधि के प्रभाव का विशेष ध्यान रखा है।’’ गृह मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने एक सेकंड गंवाए बिना कृषि क्षेत्र, बिजली, औद्योगिक नीति आदि के लिए सुधारों पर काम किया है, ताकि विकास की रफ्तार को कायम रखा जा सके।’’ शाह ने कहा कि मोदी ने गरीब लोगों के कल्याण के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज भी दिया है।
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गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ताजा जीडीपी आंकड़ों को देखें, तो हम सिर्फ छह प्रतिशत पीछे हैं। मुझे उम्मीद है कि अगली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर सकारात्मक रहेगी।’’ कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से चालू वित्त वर्ष ही पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई थी। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में यह गिरावट कम होकर 7.5 प्रतिशत रह गई है।
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