Thursday, Mar 30, 2023
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India China Clash: भारत-चीन की बातचीत के बाद कांग्रेस ने दागे सवाल, पूछा- नतीजा क्या निकला?

  • Updated on 9/5/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। चीन (China) के साथ चल रहे गतिरोध को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इसी बीच भारत और चीन के रक्षा मंत्री के बीच शुक्रवार को बातचीत हुई। इस वार्ता को लेकर आज कांग्रेस (Congress) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से आग्रह किया कि वह देश को विश्वास में लें। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि चीन के साथ विभिन्न स्तरों पर हुई बातचीत का नतीजा क्या निकला?

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कांग्रेस ने उठाए सवाल
सुरजेवाला ने एक वीडियो जारी कर कहा, 'राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को चीन के रक्षा मंत्री से बातचीत की। इससे पहले विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष से बात की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अपने चीनी समकक्ष से दो बात की। राजदूत के स्तर पर कई बार बातचीत हुई। इन बातचीत का नतीजा क्या निकला?' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री जी और रक्षा मंत्री जी, देश को विश्वास में लीजिए। यह बताइए कि चीन हमारी सरजमीं से कब्जा कब छोड़ेगा? चीन से कब आंखों में आंख में डालकर बात होगी?'

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विरोधाभासी बयान से होती है चिंता
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला (Rajeev Shukla) ने पत्रकारों से कहा, 'हम आशा करते हैं कि सरकार पूरी वस्तुस्थिति से देश का अवगत कराएगी। सरकार के भीतर से ही कई बार विरोधाभासी बयान आते हैं जिससे चिंता होती है।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीद भी करती है कि सरकार इस मामले का बातचीत से हल निकालेगी और देश की संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं होगा।

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भारत के रक्षा मंत्री की दो टूक
गौरतलब है कि राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को मॉस्को में अपने चीनी समकक्ष वेई फेंघे से मुलाकात की। अधिकारियों के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से दो टूक कहा कि चीन ने लद्दाख में यथा स्थिति बदलने की कोशिश की, जो द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।

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सीमा विवाद पर पहली उच्च स्तरीय बैठक
पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों ओर से यह पहली उच्च स्तरीय बैठक थी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल गतिरोध दूर करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ फोन पर बातचीत कर चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बातचीत के दौरान सिंह ने पूर्वी लद्दाख में यथा स्थिति को बनाए रखने और सैनिकों को पीछे हटाने पर जोर दिया। रक्षा मंत्री सिंह और चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही के बीच यह बैठक दो घंटे 20 मिनट तक चली।'

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चीन के रक्षा मंत्री ने की थी बातचीत की पेशकश 
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा भी थे। सूत्रों ने बताया कि चीन के रक्षा मंत्री ने बातचीत की पेशकश की थी। दोनों नेता एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को में हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ में अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए विश्वास का माहौल, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति सम्मान तथा मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है।

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