Saturday, Sep 23, 2023
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congress expressed concern over economic inequality: adhir ranjan chaudhary

कांग्रेस ने आर्थिक असमानता पर जताई चिंता : अधीर रंजन चौधरी

  • Updated on 9/19/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को धन सृजन के रूप में देश के भीतर ‘भारी असमानता' को रेखांकित किया और कहा कि ‘विकसित राष्ट्र' का दर्जा हासिल करने के लिए इसे पाटना महत्वपूर्ण चुनौती होगी। चौधरी ने पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मानव विकास सूचकांक में 189 देशों में भारत 131वें स्थान पर है।

उन्होंने कहा कि भारत की 10 प्रतिशत आबादी के पास कुल संपत्ति का 73 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि 2017 में सृजित संपत्ति का 73 प्रतिशत हिस्सा सबसे धनी एक प्रतिशत लोगों की ओर चला गया। चौधरी ने कहा कि देश में 67 करोड़ लोगों की संपत्ति 2017 में एक प्रतिशत बढ़ी।

चौधरी ने कहा, ‘‘यह असमानता गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लाखों लोगों को भोजन, आवास और स्वास्थ्य देखभाल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं तक पहुंच सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण चुनौती प्रस्तुत करती है जो कि विकसित राष्ट्र के दर्जे की ओर बढ़ने के लिए एक शर्त है।''

समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मंच पर मौजूद थे। चौधरी ने कहा कि 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल करने की क्षमता नागरिकों की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करती है।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मुद्रास्फीति को कम करना, रोजगार सृजन और स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्रों को मजबूत करना भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए महत्वपूर्ण है। चौधरी ने जोर देकर कहा कि संविधान में निहित शक्तियों का पृथक्करण बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक सजातीय समाज नहीं है, हम एक विषम समाज हैं, हमें एक सामंजस्यपूर्ण समाज बनाए रखने की आवश्यकता है।'' 

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को सदन में कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी विधेयक को पारित कराने के लिए उनकी पार्टी की सरकारों ने कई बार प्रयास किए तथा 2010 में राज्यसभा से पारित विधेयक आज भी जीवित है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चौधरी के बताए ये दोनों तथ्य गलत हैं कि राजीव गांधी के समय लोकसभा ने महिला आरक्षण विधेयक पारित किया था और 2010 का विधेयक आज भी जीवित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता अपनी बात वापस लें या फिर साक्ष्य सदन के पटल पर रखें। 

इसके बाद सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष में नोकझोंक देखने को मिली। नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही के पहले दिन चौधरी ने यह भी कहा कि ‘भारत' और ‘इंडिया' दोनों एक हैं और इन दोनों में किसी तरह की भिन्नता पैदा करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘संसद के नए भवन की कल्पना कोई नई बात नहीं है। मीरा कुमार ने सबसे यह पहले मुद्दा उठाया था। सुमित्रा महाजन ने भी नए संसद भवन की जरूरत की बात की थी।'' 

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह संसद सिर्फ सांसदों की नहीं, बल्कि हर नागरिक की है। उन्होंने सत्तापक्ष से कहा, ‘‘आप जो भी करिये, यह मानकर चलिए कि संविधान सर्वोपरि है।'' चौधरी ने कहा, ‘‘अब तक हिंदुत्व की बात होती है, क्या अब ‘हिंदीत्व' के बारे में बात होगी? ...भाषा के आधार पर कोई दरार नहीं होनी चाहिए।'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने लगातार प्रयास किया था कि महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाए। 

चौधरी ने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय जो विधेयक आया था वो आज तक जीवित है। हमारी कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कहा गया कि यह विधेयक पारित किया जाए।'' उनका कहना था कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की मांग की थी। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में कभी पारित नहीं हुआ था तथा पहले का विधेयक 2014 में लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के साथ ही निष्प्रभावी हो गया था। उन्होंने कहा कि सदन में कांग्रेस के नेता अपनी बात साबित करें या फिर वापस लें। 

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