नई दिल्ली/टीम डिजिटल। इजराइल की एजेंसी (Israeli agencies) द्वारा देश के कई भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की व्हाट्सऐप (WhatsApp) के जरिए कथित जासूसी किए जाने पर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने चिंता जताई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने इस मामले को लेकर शुक्रवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर ऐसा किया गया है तो इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, "अगर भाजपा या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं के फोन की जासूसी करने के लिए इजराइली एजेंसियों को लगाया है तो यह मानवाधिकार का घोर उल्लंघन और बड़ा स्कैंडल है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है।
If the BJP or the government has engaged Israeli agencies to snoop into the phones of journalists, lawyers, activists and politicians, it is a gross violation of human rights and a scandal with grave ramifications on national security. Waiting for the government’s response. — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 1, 2019
If the BJP or the government has engaged Israeli agencies to snoop into the phones of journalists, lawyers, activists and politicians, it is a gross violation of human rights and a scandal with grave ramifications on national security. Waiting for the government’s response.
इजराइल स्पाईवेयर से पत्रकारों की जासूसी, सरकार ने व्हाट्सऐप से मांगा स्पष्टीकरण
सरकार ने व्हाट्सऐप से मांगा जवाब इस खबर के सामने आने के बाद से विपक्ष लगातार केंद्र सरकार (Central Government) पर निशाना साध रहा है। इसके बाद लोगों की निजता को लेकर भी नए सिरे से बहस छिड़ गई है। वहीं इस खुलासे के बाद भारत सरकार (Indian Government) ने व्हाट्सऐप से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है। सरकार ने कंपनी से पूछा है कि उसने करोड़ों भारतीयों की निजता की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं।
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इजराइल स्पाईवेयर से पत्रकारों की जासूसी दरअसल, फेसबुक (Facebook) के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सऐप ने कहा है कि इजराइल के स्पाईवेयर (Israeli spyware) ‘पेगासस’ (Pegasus) के जरिए कुछ अज्ञात इकाइयों की वैश्विक स्तर पर जासूसी की गई। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। इस विवाद पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और नागरिकों की निजता के उल्लंघन की खबरें भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश है।
हालांकि, व्हाट्सऐप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं। व्हाट्सऐप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया या वे कौन लोग हैं। कंपनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला, जिसमें उसकी वीडियो का लिंग प्रणाली के जरिए प्रयोगकर्ताओं को मालवेयर भेजा गया।
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व्हाट्सऐप संदेश के जरिए दी जानकारी व्हाट्सऐप ने कहा कि उसने करीब 1,400 प्रयोगकर्ताओं को विशेष व्हाट्सऐप संदेश के जरिए इसकी जानकारी दी है। कंपनी को लगता है कि ये व्यक्ति इस मालवेयर से प्रभावित हुए हैं। हालांकि कंपनी ने भारत में इस स्पाईवेयर हमले से प्रभावित लोगों की संख्या नहीं बताई है, लेकिन उसके प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह हमने जिन लोगों से संपर्क किया है उनमें भारतीय उपयोक्ता भी शामिल हैं।
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