नई दिल्ली/ब्यूरो। पैदल घरों को जा रहे प्रवासी मजदूरों को बसों से उनके घर पहुंचाने की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मुहिम को योगी सरकार ने करारा झटका दिया है। बसों को लेकर जारी सियासी जंग के बीच यूपी सीमा पर खड़ी कांग्रेस की बसें वापस चली गईं हैं। उनका कोई इस्तेमाल नहीं हो सका। यूपी सरकार की ओर से दलील दी गई है कि इन बसों में ज्यादातर कंडम हैं, जिन्हें सड़कों पर चलने की इजाजत देकर मजदूरों के जिंदगी से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है।
कांग्रेस की बसों को योगी सरकार ने बेरंग लौटाया, बेअसर रही प्रियंका की अपील
When UP Govt looked into the list of buses provided by Congress, it turned out that many vehicles are autorickshaw, two-wheelers & three-wheelers. Congress is wasting the time of govt officials by providing bogus list & creating political pressure: Rebel Congress MLA Aditi Singh pic.twitter.com/04Uy6x0urS— ANI UP (@ANINewsUP) May 20, 2020
When UP Govt looked into the list of buses provided by Congress, it turned out that many vehicles are autorickshaw, two-wheelers & three-wheelers. Congress is wasting the time of govt officials by providing bogus list & creating political pressure: Rebel Congress MLA Aditi Singh pic.twitter.com/04Uy6x0urS
खास बात यह है कि बसों के मुद्दे पर रायबरेली सदर से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने भी कूद पड़ी हैं। उन्होंने भी बस मुद्दे पर भाजपा के सुर में सुर मिलाते हुए प्रवासी मजदूरों को लेकर अपनी ही पार्टी पर डर्टी पॉलिटिक्स करने का आरोप लगा दिया।
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अदिति सिंह ने कहा कि ऐसे संकट काल में प्रवासी मजदूरों की मदद करने की बजाए टू व्हीलर, थ्रीव्हीलर, एंबुलेंस, ट्रक के नंबर देकर कांग्रेस को सस्ती राजनीति नहीं करनी चाहिए। अपनी ही पार्टी के बयान को लेकर कांग्रेस बुरी तरह घिर गई है। अदिति का बयान तब आया, जब पार्टी की यूपी प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुद एक वीडियो संदेश में कह चुकी थीं कि सूची में कुछ गड़बड़ी संबंधी सरकार की बात मान भी लें तो जो बसें ठीक पाई गई हैं उन्हें तो मंजूरी दी जाए।
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प्रियंका ने खुद कहा कि यह वक्त सियासत का नहीं, बल्कि मजबूर मजदूरों की तकलीफ को समझने और उन्हें सहारा देने का है। प्रियंका ने कहा कि बीते तीन दिन से ये बसें यूपी सीमा पर लगी हैं, अगर सरकार समय रहते इन्हें इजाजत दे देती तो अब तक 67 हजार पैदल चलते मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया जा चुका होता। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन के बीच कांग्रेस के स्वयंसेवकों ने 67 लाख से ज्यादा लोगों की मदद की है।
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उन्होंने कहा कि हमारी भावना सकारात्मक रही है और हमेशा से सेवा भाव रहा है। वहीं राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक बयान में यूपी के उपमुख्यमंत्री के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने एक भी बस कांग्रेस को नहीं दिया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने खुद बसों को किराए पर लिया है और मजदूरों को पहुंचाने के लिए यूपी सीमा तक पहुंचाया है।
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उन्होंने भी कहा कि इस मामले में सियासत नहीं होनी चाहिए और मजदूरों की तकलीफ को समझना चाहिए। इधर, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने वीडियो लिंक के की गई प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह घटिया राजनीति की चरम सीमा है। योगी आदित्यनाथ सरकार गोल-गोल घुमा रही है। उन्होंने सरकार के रुख की निंदा करते हुए कहा कि इस राजनीति का औचित्य क्या है।
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