नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कांग्रेस ने कुछ जरूरी खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के फैसले को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस सरकार को आम लोगों और गरीबों की नहीं, बल्कि कसीनो (जुआघर) की फिक्र है क्योंकि वह कसीनो पर कर लगाने से पहले वह पांच बार सोचती है, लेकिन आटे पर कर लगाने से पहले इसकी एक बार समीक्षा तक नहीं करती। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि अगर जीएसटी का एक स्लैब और एक दर हो तो गरीबों और मध्य वर्ग पर बोझ कम हो जाएगा।
LIVE: Congress Party Briefing by Prof. @GouravVallabh at the AICC HQ.https://t.co/OrtVMZxIfr— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) July 5, 2022
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट््वीट किया, ‘‘स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी 18 प्रतिशत, अस्पताल में कक्ष पर जीएसटी 18 प्रतिशत। हीरे पर जीएसटी 1.5 प्रतिशत। ‘गब्बर सिंह टैक्स’ इस बात का दुखद स्मरण कराता है कि प्रधानमंत्री किसका ख्याल रखते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक स्लैब और कम दर वाली जीएसटी से गरीबों और मध्य वर्ग पर बोझ कम करने में मदद मिलेगी।’’
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कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज गब्बर सिंह टैक्स हिंदुस्तान के मध्यम आय वर्ग के लोगों की थाली से रोटी लूटकर भागने का काम कर रहा है...हमारे देश की सरकार कसीनो पर कर लगाने से पहले पांच बार सोचती है, पर आटे पर कर लगाने से पहले एक बार भी समीक्षा की जरूरत नहीं समझती।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पिछले 8 साल में एक हंसती, खेलती, बढ़ती अर्थव्यस्था को कैसे नष्ट किया गया है, इस पर केस स्टडी लिखा जाना चाहिए कि बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था को कैसे नष्ट किया जाता है।’’
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वल्लभ ने आरोप लगाया कि इस सरकार के लिए आम लोगों और गरीबों से ज्यादा महत्वपूर्ण कसीनो हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या सरकार अर्थव्यवस्था में इतनी महंगाई के समय आटे, गुड़, या छाछ पर 5 प्रतिशत कर लगाकर लोगों का जीवन स्तर खत्म करना चाहती है? ’’ वल्लभ ने यह भी पूछा, ‘‘क्या सरकार के पास आय का कोई और साधन नहीं है- आटे, गुड़ या छाछ पर कर लगाने के अलावा? अर्थव्यवस्था में ऐसा क्या संकट है जो देश के वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री जी देश से छिपा रहे हैं?’’
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पिछले सप्ताह हुई जीएसटी परिषद में किए गए फैसलों के अनुसार, अब दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद और लेबल-युक्त खाद्य पदार्थों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। साथ ही चेक जारी करने के एवज में बैंकों की तरफ से ये जाने वाले शुल्क पर भी जीएसटी देना पड़ेगा। इसके अनुसार डिब्बा बंद मांस (फ्रोजन छोड़कर), मछली, दही, पनीर, शहद, सूखा मखाना, सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं का आटा, मुरी, गुड़, सभी वस्तुएं और जैविक खाद जैसे उत्पादों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
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