नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कांग्रेस (Congress) ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली पहुंचने से रोके जाने के प्रयास को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार’ ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया है। विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को जहाज की बजाय जमीन पर रहकर किसानों से बात करनी चाहिए क्योंकि ‘काले कानून’ खत्म होने तक ये लड़ाई जारी रहेगी।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक सुरक्षाकर्मी द्वारा किसान पर लाठी भांजने संबंधी एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘बड़ी ही दुखद फ़ोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के खलिाफ़ खड़ा कर दिया। यह बहुत $खतरनाक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्याय के खलिाफ़ आवाका उठाना अपराध नहीं, कर्तव्य है। मोदी सरकार पुलिस की फर्जी प्राथमिकी से किसानों के मकाबूत इरादे नहीं बदल सकती। कृषि विरोधी काले क़ानूनों के $खत्म होने तक ये लड़ाई जारी रहेगी। हमारे लिए ‘जय किसान’ था, है और रहेगा!’’
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प्रियंका गांधी ने ट्वीट के माध्यम से दावा किया, ‘‘भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है। मगर किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, मगर सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आए तो वह गलत?’’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘मोदी जी कंपनियों के दफ़्तर जा फ़ोटो ङ्क्षखचा रहे हैं और लाखों किसान दिल्ली के सड़कों पर कराह रहे हैं। काश, प्रधानमंत्री जहाका की बजाय कामीन पर किसान से बात करते।’’
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उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कोरोना का टीका वैज्ञानिक और शोधकर्ता ढूंढेंगे। देश का पेट किसान पालेंगे। लेकिन मोदी जी और भाजपा के नेता कुछ नहीं करके सिर्फ प्रचार पर केंद्रित हैं।’’ सुरजेवाला ने यह भी कहा, ‘‘ हरियाणा में पुलिस का बैरिकेड हटाने के लिए हजारों किसानों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। कांग्रेस इन किसानों को हरसंभव कानूनी सहायता मुहैया कराएगी।’’
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उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे किसानों को शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने की अनुमति दे दी गई और वे बुराड़ी के मैदान में प्रदर्शन कर सकते हैं। इससे पहले हरियाणा में कई स्थानों पर पुलिस ने किसानों को रोकने के प्रयास के तहत पानी की बौछार और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया।
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