नई दिल्ली/ एजेंसी। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि पेगासस जासूसी मामले की जांच की पैरवी किए जाने संबंधी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बयान स्वागतयोग्य है और अब उनकी पार्टी जनता दल (यू) को इस मुद्दे पर संसद में विपक्ष के साथ खड़े होना चाहिए। बहरहाल, कांग्रेस के सहयोगी और बिहार के मुख्य विपक्षी दल राजद ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को तभी गंभीर माना जाएगा जब वह अपने कहे पर कायम रहेंगे और अपनी बात को अंजाम तक पहुंचाएंगे। नीतीश कुमार ने पेगासस मामले पर पूछे जाने पर सोमवार को कहा था कि फोन टैपिंग से जुड़े सभी पहलू की जांच की जानी चाहिये ताकि सच्चाई बाहर आ सके।
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मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में सोमवार को आयोजित ‘जनता दरबार’ के बाद उन्होंने कहा, ‘‘मेरी समझ से इससे जुड़े एक-एक पहलू को देखकर उचित कदम उठाया जाना चाहिए। फोन टैपिंग को लेकर संसद में कुछ सदस्यों ने अपनी बातें रखी हैं। इससे जुड़े सभी पहलू की जांच की जानी चाहिये ताकि सच्चाई बाहर आये ।’’ नीतीश कुमार के बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह ने ‘पीटीआई से कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री जी का बयान स्वागत योग्य है। देर से ही सही, लेकिन उन्होंने ठीक बात कही है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘जद (यू) को भी इस मुद्दे पर हमारे साथ आना चाहिए। सदन में विपक्ष के साथ खड़े हो जाना चाहिए।’’
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बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी कहा कि अब इस मुद्दे पर जद (यू) को खुलकर विपक्ष के साथ खड़े होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम नीतीश जी का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने सच बात उठाई। राहुल गांधी जी ही नहीं, पेगासस के निशाने पर कई लोग थे। केंद्र सरकार लोगों को डराने-धमकाने का प्रयास करती है।’’ मदनमोहन झा के अनुसार, ‘‘मैंने पहले भी बयान दिया था कि मुख्यमंत्री जी को इस बात की आशंका है कि इस हथियार (पेगासस) का इस्तेमाल कहीं उन पर नहीं हो रहा हो। भाजपा और जद(यू) में कैसे रिश्ते हैं, यह बात किसी से छिपी नहीं है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर जद (यू) को हमारे साथ आना चाहिए। मुझे लगता है कि उन्होंने जो बयान दिया है, वो सोच-समझकर दिया है। वह बिना सोचे-समझे कुछ नहीं बोलते।’’ राजद के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने कहा कि जब तक नीतीश कुमार अपनी कही बात को अंजाम तक नहीं ले जाते तब तक उनकी टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश जी का बयान तभी मायने रखेगा जब वह इस बयान को मुकम्मल अंजाम तक ले जाएंगे। बयान देने के लिए बयान नहीं है। बाद में वह कहीं ये न कह दें कि उनके बयान के तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। इस बयान की तासीर देखनी होगी कि वह इसे कहां तक ले जाते हैं।’’ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता अतुल कुमार अंजान ने कहा कि नीतीश कुमार और कप्तान सिंह सोलंकी (पूर्व राज्यपाल) के बयानों के बाद अब केंद्र सरकार को पेगासस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच करानी चाहिए।
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उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार जी ने हिम्मत दिखाई है, उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। कप्तान सिंह सोलंकी ने भी जांच की बात की है। भाजपा के कई ऐसे नेता हैं जो ऐसा चाहते होंगे, लेकिन नहीं बोल रहे क्योंकि उन्हें अपने खिलाफ कार्रवाई का डर लग रहा होगा। सरकार को अब जेपीसी जांच के लिए तैयार होनी चाहिए।’’गौरतलब है कि पूर्व राज्यपाल एवं वरिष्ठ भाजपा नेता कप्तान सिंह सोलंकी ने पेगासस जासूसी मामले में जांच का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा था कि संसद का गतिरोध दूर करने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को आपसी बातचीत से कोई रास्ता निकालना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि पेगासस मुद्दा अब उच्चतम न्यायालय में चला गया है, इसलिए इस मामले को अब शीर्ष अदालत के निर्णय पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि मामला अब अदालत में विचाराधीन है।
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