Friday, Jun 02, 2023
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अवमानना मामला: केस के फैसले के बाद SC ने खारिज की प्रशांत भूषण की अर्जी

  • Updated on 8/20/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। वकील प्रशांत भूषण (Lawyer Prashant Bhushan) को कोर्ट की अवमानना मामले (contempt case) में दोषी करार दिए जाने के बाद भूषण ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष एक अर्जी दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को किसी अन्य बेंच द्वारा सजा की मात्रा पर सुनवाई को खारिज कर दिया है।

अर्जी में इस मामले के संबंध में उनकी सजा पर सुनवाई टालने की मांग की गई थी। अर्जी में कहा गया था कि जब तक इस संबंध में एक समीक्षा याचिका दायर नहीं की जाती है और अदालत द्वारा इस पर विचार नहीं किया जाता है, तब तक सजा पर सुनवाई को टाल दिया जाए। वहीं इस मामले में सजा की मात्रा और मुद्दे पर आज बहस होनी है।

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सजा की मात्रा पर आज होगी बहस
इससे पहले 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को इस मामले में दोषी करार दिया था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति वी आर गवाही और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कर रही है, जिसमें इन्होंने भूषण को अवमानना का दोषी ठहराया है और इसकी सजा के मात्रा के मुद्दे पर 20 अगस्त यानी आज बहस सुनी जाएगी।

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सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ
बता दें कि वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े के खिलाफ ट्वीट किया था। जिसमें कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई कर रहा है। प्रशांत भूषण ने 27 जून को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ और दूसरा ट्वीट मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे के खिलाफ किया था।

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22 जुलाई को जारी हुआ था नोटिश
प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट में लिखा कि जब भावी इतिहासकार देखेंगे कि कैसे पिछले 6 साल में बिना किसी औपचारिक इमरजेंसी के भारत में लोकतंत्र को खत्म किया जा चुका है, इस विनाश में विशेष तौर पर सुप्रीम कोर्ट की भागीदारी पर सवाल उठाएंगे और मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को लेकर पूछेंगे। इस ट्वीट के बाद 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रशांत भूषण को नोटिस दिया गया।

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