नई दिल्ली/टीम डिजीटल। कोरोना संक्रमण का फैलाव तेजी से गाजियाबाद जिले में हो रहा है। अब मरीजों की संख्या एक हजार के नजदीक पहुंच रही है। रविवार को 893 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इस बार बच्चों की संख्या अधिक है। विभागीय अनुसार संक्रमितों में 50 से अधिक बच्चे है। इसमें 5 साल से कम आयु वर्ग के भी शामिल है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को भी अधिक प्रभावित कर सकती है।
रविवार को जारी कोविड रिपोर्ट के अनुसार एक बार फिर से कोरोना बम फूटा है। रविवार को जिले में कोरोना के 893 नए मामलों की पुष्टि की गई। जिले में महज चार दिनों में संक्रमण के मामले दो गुना हो रहे हैं। जिले में 6 जनवरी को कोरोना के 360 मामले सामने आए थे, अगले दिन 7 जनवरी को 609 मामले सामने आए। इसके बाद 8 जनवरी को 683 और 9 जनवरी को 893 नए मामले सामने आए।
इसमें कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 3268 हो गई है और इनमें से 16 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं, अब तक जिले में कोविड मरीजों की संख्या 59119 पहुंच गई है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकले। वहीं, कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। जिले में संक्रमितों को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। मरीजों को दवाई की किट दी जा रही है। वहीं, संपर्कियों की जांच कर संक्रमण के फैलाव को नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है।
होम आइसोलेशन की नई गाइड लाइन जारी
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए शासन स्तर से नई गाइड लाइन जारी की है। नई गाइड लाइन के अनुसार अब बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जाना है और कंट्रोल रूम के जरिए उनकी लगातार निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे मरीजों को लगातार तीन दिन तक बुखार नहीं आने और कोई अन्य लक्षण नहीं होने पर 7वें दिन होम आइसोलेशन ओवर करके उसे पोर्टल पर डिस्चार्ज बताया जाएगा। अभी 9 दिन बाद डिस्चार्ज किया जाता है।
वहीं, हल्के लक्ष्ण और जिनके घर में होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं होगी उन्हें अस्पताल में आइसोलेट किया जाएगा और तीन दिन बुखार नहीं आने पर सातवें दिन डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। दोनों ही मामलों में दोबारा से कोविड जांच करवाना जरूरी नहीं है। गंभीर मरीजों को जरूरत होने पर ही आईसीयू या वेंटिलेटर पर में रखा जाएगा, स्थिति में सुधार होने पर उन्हें स्टेप डाउन वार्ड मे ऑक्सीजन वाले बेड पर रखा जाएगा और सात दिन बाद दोबारा से टेस्ट होगा। रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, लेकिन ऑक्सीजन लेवल बिना किसी सपोर्ट के 94 से अधिक है तब उन्हें 10वें दिन डिस्चार्ज किया जाएगा।
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