नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना वायरस (Corona Virus) ने शिक्षा जगत को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। इस बीच दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति से थीसिस जमा करने की समयावधि बढ़ाने की गुहार की गई है। इस बाबत फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर यह मांग रखी है। जिसमें 6 महीने का अतिरिक्त समय दिए जाने का सुझाव भी दिया गया है।
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इसके अलावा पिछले कई महीनों से नॉन नेट व जेआरएफ ,एसआरएफ स्कॉलरशिप भी उन्हें नहीं मिला जिसके कारण वे आर्थिक संकट से भी जूझ रहे हैं।एक तरफ पीएचडी थीसिस जमा करने का दबाव तो वहीं दूसरी ओर स्कॉलरशिप न मिलने से तनावग्रस्त जीवन जीने को मजबूर हैं। इस संबंध में तुरंत विभागों/संकायों के डीन को एक सर्कुलर जारी कर शोधार्थियों को 6 महीने का अतिरिक्त समय दिया जाए ताकि वे अपनी शिक्षा निरंतर जारी रख सके।
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इस बाबत फोरम के चेयरमैन व पूर्व एकेडेमिक काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर हंसराज 'सुमन' ने बताया है कि कोरोना महामारी के चलते डीयू से सम्बद्ध 16 संकाय और 86 शैक्षणिक विभागों से एमफिल/पीएचडी करने वाले शोधार्थियों की थीसिस जमा कराने की समयावधि मार्च/अप्रैल/मई में समाप्त हो रही है। हर विभाग में 5 से लेकर 10 या अधिक शोधार्थी है जिन्हें पीएचडी थीसिस जमा करनी है।लेकिन लॉक डाउन के कारण आए संकट में शोधार्थियों की प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कम्प्यूटर सेंटर, टाइपिंग सेंटर बंद है।ऐसी स्थिति में शोधार्थियों को अपनी थीसिस जमा कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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5 साल के बाद मिलता है शोधार्थियों को विस्तार कुछ पीएचडी शोधार्थी ऐसे हैं जिन्होंने 5 साल साल की शोध अवधि पूर्ण होने पर अपने संकाय/विभाग से शोध अध्ययन मंडल से अपना शोध प्रबंध जमा करने के लिए 6 महीने की अवधि भी अप्रैल/मई में पूर्ण हो जाएगी तो ऐसी स्थिति में शोधार्थी अपना पीएचडी का शोध प्रबंध लॉक डाउन के कारण अपना थीसिस कैसे जमा करा सकते हैं ?
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शोध अध्ययन मंडल व कुलपति दे सकते हैं विस्तार प्रो. सुमन ने बताया है कि पहले 6 महीने का विस्तार शोध अध्ययन मंडल विशेष परिस्थितियों में अपने शोधार्थियों को 6 महीने का शोध प्रबंध जमा कराने के लिए समय दे सकता है।इसके अतिरिक्त विशेष परिस्थितियों में अन्य 6 महीने का शोधार्थियों को विस्तार देने का अधिकार वाइस चांसलर दे सकते हैं।
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पीएचडी जमा कराने से पूर्व की प्रक्रिया पीएचडी जमा कराने से पूर्व कई प्रक्रियाओं से शोधार्थियों को गुजरना पड़ता है जैसे सेमिनार पेपर, आलेख पाठ, टाइपिंग, प्रूफ रीडिंग, शोध निर्देशक से थीसिस पास कराना, पुस्तकालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र, हेल्थ सेंटर से अनापत्ति प्रमाण पत्र, कम्प्यूटर सेंटर से अनापत्ति प्रमाण पत्र, परीक्षा विभाग से, प्लेगरिजम आदि का प्रमाण पत्र के अलावा ,विभाग व अन्य कार्यालयों से सारी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद ही थीसिस जमा होता है।
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