नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए फेस मास्क को पहनने पर जोर दिया जा रहा है। शुरूआत से ही फेसमास्क को अनिवार्य रूप से पहनने के लिए सरकार कहती आ रही है।
न सिर्फ देश में बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस बारे में कह चुका है कि फेसमास्क कोरोना को कम करने का सबसे सरल, सस्ता और अहम तरीका है।
रिपोर्ट का दावा... लेकिन फिर लोगों को बिना फेसमास्क के देखा जा सकता है। इस बीच एक रिपोर्ट आई है जो फेसमास्क को न केवल कोरोना से बचाव का तरीका बताती है बल्कि इस रिपोर्ट में फेसमास्क को पहनने से इम्युनिटी बूस्ट होने की बात भी की गई है।
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होता है इम्यून सिस्टम बूस्ट ये रिपोर्ट 'न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिकल' में पब्लिश की गई है। इस रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि फेसमास्क पहनने से बॉडी का इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। इस बारे में, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के जॉर्ज डब्ल्यू रदरफोर्ड ने बताया कि फेस मास्क बॉडी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए 'वैरियोलेशन' की तरह काम कर सकता है।
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कैसे होगी इम्युनिटी बूस्ट? विशेषज्ञों का कहना है कि फेसमास्क न सिर्फ कोरोना फैलाने वाले ड्रॉपलेट्स को दूर रखता है बल्कि दूसरे संक्रमणकारी तत्वों को छानने का काम करता है। मास्क हर सांस को फिल्टर कर देता है। इतना ही नहीं, सामान्य जुकाम या खांसी के भी वायरस मास्क की वजह से बाहर वातावरण में नहीं आ पाते।
जानकारों ने बताया कि चेचक की जब तक वैक्सीुन नहीं बन गई थी तब तक लोग वैरियोलेशन का सहारा लेते थे। इसमें संक्रमण में ना आने वाले लोगों यानी जो बीमार नहीं थे उन्हें चेचक से बीमार मरीजों ले शरीर से छूटी पपड़ी के मैटीरियल के संपर्क में लाया जाता था। इससे लोग गंभीर बीमार नहीं पड़ते थे।
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पुरानी पैथोजेनेसिस थियोरी कोरोना के लिए भी वैज्ञानिक ऐसी ही संभावना तलाश रहे हैं। ये पुरानी पैथोजेनेसिस थियोरी पर आधारित है। इस थ्योरी के अनुसार, बीमारी कितनी फैलेगी ये बॉडी में पाए जाने वाले वायरस के संक्रमणकारी हिस्सेी पर डिपेंड करता है।
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इंफेक्शन कमजोर... रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले पर शोध करने वाले रिसर्चर ने बताया कि इस शोध के पॉजिटिव नतीजे सामने आए हैं। इसके लिए एक स्टडी के बारे में भी बताया गया। इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने अर्जेंटीना के एक क्रूज शिप की बात कही है जिसमें 20% यात्रियों को एन95 मास्क दिए गए थे और 81% लोगों को नार्मल मास्क दिए गए थे। स्टडी के दौरान पता लगा कि 81% लोग एसिम्टो मेटिक (Asymptomatic) पाए गए जिससे ये पता लगा कि एक अच्छा मास्क संक्रमण की तेजी को रोकता है।
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