Sunday, Apr 02, 2023
-->
corona-fatality-rate-in-india-is-lowest-compared-to-of-the-world-prsgnt

दुनिया के सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में भारत हुआ शामिल, मृत्यु दर हुई 2.49 प्रतिशत

  • Updated on 7/20/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत में कोरोना संक्रमण के मामले 11 लाख के करीब होने को है लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इन आंकड़ों को नहीं देख रहे बल्कि मंत्रालय का मानना है कि भले ही मामले बढ़ रहे हैं लेकिन भारत में कोरोना के मामलों में मृत्यु दर घट रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय इसका श्रेय अस्पतालों में भर्ती मरीजों के बेहतर क्लीनिकल प्रबंधन को देते हैं। मंत्रालय की माने तो देश में कोरोना मरीजों की मृत्युदर 2.49% है, जो दुनिया के दूसरे अन्य देशों की तुलना में बेहद कम है। जबकि 5 राज्यों में मृत्यु दर शून्य है और 14 राज्यों में 1% से भी कम है।

इसलिए दिल्ली में कम हुई कोरोना की रफ्तार? RADT करवाने वाले बहुत कम लोग करवा रहे री-टेस्टिंग

राज्यों का ये है हाल
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर देश के औसत से भी कम है। 5 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में मृत्यु दर शून्य है जबकि 14 में मृत्यु दर 1% से भी कम है। बताया जा रहा है कि अस्पतालों में क्लीनिकल प्रबंधन और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की कोशिशों के कारण भारत में मृत्यु दर 2.5% से नीचे आई है।

कोरोना के बढ़ते कहर के बीच स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की

भारत में कम मृत्यु दर
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना के मामलों को बढ़ने से रोकने की कारगर नीति, बेहतरीन क्लीनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल से मृत्यु दर में कमी लाई है। मंत्रालय ने कहा कि इन कारणों से देश में मृत्यु दर घट रही है, यह 2.49% है।

इसी कारण  दुनिया में भारत कोरोना संक्रमण से सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में से एक है। एक महीने पहले यह दर 2.82% थी, जो 10 जुलाई को घट कर 2.72%  हो गई तथा इसके बाद वर्तमान में ये 2.49% हो गई है।

कोरोना से जंग: केजरीवाल सरकार ने 400 प्रवाइवेट टैक्सी को एंबुलेंस सेवा से जोड़ा

देश के राज्यों की मृत्यु दर
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर, नगालैंड, सिक्किम, मिजोरम, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में मृत्यु दर शून्य है। जबकि राष्ट्रीय औसत से कम मृत्यु दर वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में त्रिपुरा (0.19 प्रतिशत), असम (0.23), तेलंगाना (0.93), आंध्र प्रदेश (1.31), तमिलनाडु (1.45), केरल (0.34), ओडिशा (0.51), गोवा (0.60), हिमाचल प्रदेश (0.75), बिहार (0.83), चंडीगढ़ (1.71), राजस्थान (1.94), कर्नाटक (2.08) और उत्तर प्रदेश (2.36) शामिल हैं।

यहां पढ़ें अन्य महत्वपूर्ण खबरें-

comments

.
.
.
.
.