नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना से जूझ रहे भारत में संक्रमित मरीजों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में अब तक कोरोना पॉजिटिव मामले 1 लाख की बड़ी संख्या को भी पार कर गये हैं। इस बीच देश के अस्पतालों से कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो कभी मजबूरी और कभी चमत्कार का उदहारण बनते हैं।
हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के राज्य मुंबई के लोकमान्य तिलक म्युनिसिपल जनरल अस्पताल की जहां कोरोना से जूझती माओं ने 100 से भी ज्यादा स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है।
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किसी चमत्कार से कम नहीं कोरोना महामारी से लड़ते मुंबई के इस अस्पताल में जब माओं की डिलीवरी होना शुरू हुई तो डॉक्टर बेहद घबराए हुए थे। उन्हें शंका थी कि कहीं कोरोना संक्रमित माओं के बच्चे भी कोरोना से ग्रस्त न हों। लेकिन इस बीच जो हुआ वो किसी चमत्कार से कम नहीं था। इन माओं ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया था।
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115 नवजात बच्चे संक्रमित माओं ने 115 बच्चों को जन्म दिया। शुरूआती में डॉक्टरों को डर था इसके लिए उन्होंने बच्चों का कोरोना टेस्ट किया तो तीन बच्चों में टेस्ट पॉजिटिव आया लेकिन फिर बाद में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। वहीँ, इस दौरान दो कोरोना पॉजिटिव माओं की डिलीवरी होने से पहले ही मौत हो गई थी।
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ऑपरेशन ही बना विकल्प कोरोना संक्रमित माओं ने बच्चों को जन्म नार्मल नहीं बल्कि ऑपरेशन के माध्यम से दिया। शायद उन्हें ये ज्यादा सुरक्षित लगा होगा। इन बच्चों में 65 लड़के हैं और 59 लड़कियां, जबकि 22 डिलीवरी के मामले ऐसे थे जिन्हें दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था।
बताया जा रहा है कि मुंबई के लोकमान्य तिलक अस्पताल में कोरोना संक्रमित माओं से जन्मे बच्चों की संख्या, इसी बीच जन्मे दूसरे बच्चों की तुलना में 20% अधिक है।
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माओं से बच्चों को अलग इस दौरान बच्चों को माओं से अलग रखना मुश्किल था। माएं बच्चों को दूध पीलाती थीं लेकिन पीपीई कीट लगा कर। डॉक्टरों ने बताया कि हम बच्चों का विशेष ख्याल रखते थे। माओं को सिर्फ दूध पिलाने तक ही मिलाया जाता था फिर माओं को अलग आइसोलेशन में रखा गया था।
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हम मजबूर थे इन मामलों से गुजरे डॉक्टरों का कहना है कि ये कंडीशन बेहद मजबूर कर देने वाली होती है। हम खुद को बेहद असहाय महसूस कर रहे थे। उस वक़्त सबसे ज्यादा जब एक महिला स्वस्थ बच्चे को जन्म देते हुए गुजर गई थी। वो डिलीवरी के समय लगातार बोल रही थी कि क्या कुछ किया जा सकता है? हम बहुत मजबूर हो गये थे, उस महिला का लीवर संक्रमण की वजह से फेल हो गया था।
बताते चले मुंबई में कोरोना के अब तक 25 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके है। जबकि पूरे महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मामले 40 हजार से ज्यादा हैं।
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