नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (Unicef) और उनके सहयोगी संगठनों ने बड़ी चेतावनी जारी की है। ये चेतावनी गर्भवती माओं और आगामी समय में बच्चे का प्लान कर रहे कपल के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।
डब्लूएचओ ने सहित यूनिसेफ ने सतर्क करते हुए कहा है कि कोरोना के कारण गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। डब्लूएचओ ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि कोरोना महामारी बढ़ी तो हर 16 सेकेंड में एक बच्चा मरा हुआ पैदा होगा।
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इस रिपोर्ट में सचेत करते हुए डब्लूएचओ ने बताया है कि कोरोना के कारण आने वाले समय में बच्चों के लिए तरस रहे परिवार सोच-समझ कर बच्चे प्लान करें क्योंकि आने वाले समय में कोरोना से बड़ा खतरा होने वाला है।
According to 🆕 estimates, almost 2 million babies are stillborn every year – or 1 #stillbirth every 16 seconds. #COVID19 related health service disruptions could worsen the situation, potentially adding 200,000 more stillbirths over a 12-month period: 👉https://t.co/vgD9SJSzCK pic.twitter.com/4fFAlbrIjj — World Health Organization (WHO) (@WHO) October 8, 2020
According to 🆕 estimates, almost 2 million babies are stillborn every year – or 1 #stillbirth every 16 seconds. #COVID19 related health service disruptions could worsen the situation, potentially adding 200,000 more stillbirths over a 12-month period: 👉https://t.co/vgD9SJSzCK pic.twitter.com/4fFAlbrIjj
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना के कारण अब आने वाले हर साल में 20 लाख से भी ज्यादा 'स्टिलबर्थ' के केस सामने आएंगे। इस रिपोर्ट के अनुसार, यह सभी मामले विकासशील देशों से सबसे ज्यादा जुड़े होंगे।
A #stillbirth is defined as a baby born with no signs of life at 28 weeks of pregnancy or more. 👉 https://t.co/vgD9SJSzCK pic.twitter.com/Mkv9XQwqcp — World Health Organization (WHO) (@WHO) October 8, 2020
A #stillbirth is defined as a baby born with no signs of life at 28 weeks of pregnancy or more. 👉 https://t.co/vgD9SJSzCK pic.twitter.com/Mkv9XQwqcp
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डब्लूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हर साल करीब 20 लाख बच्चे मरे हुए पैदा (स्टिलबर्थ) होंगे और ये मामले विकासशील देशों से सबसे ज्यादा सामने आएंगें।
बता दें, स्टिलबर्थ यानी गर्भाधान के 28 हफ्ते या उसके बाद मरे हुए बच्चे का पैदा होने अथवा प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो जाने को ‘स्टिलबर्थ’ कहते हैं। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया था कि उप-सहारा अफ्रीका अथवा दक्षिण एशिया में चार जन्म में से तीन ‘स्टिलबर्थ’ थे।
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वहीँ, यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक हैनरिटा फोर ने कहा, 'प्रत्येक 16 सेकेंड में कहीं कोई मां ‘स्टिलबर्थ’ का दर्द झेलेगी।' इससे बचने के लिए बेहतर निगरानी, प्रसव से पहले अच्छी देखभाल और सुरक्षित प्रसव के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की मदद से ऐसे मामलों पर रोक लगाई जा सकती है।
वहीं, यूरोप, उत्तर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इसके 6% मामले देखे गए। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, विकसित देशों में जातीय अल्पसंख्यकों में ‘स्टिलबर्थ’ के मामले ज्यादा होते हैं। जैसे कनाडा में इन्यूइट समुदाय की महिलाओं में पूरे देश के मुकाबले ‘स्टिलबर्थ’ के मामले 3 गुना ज्यादा होते हैं।
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