नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद(एआईसीटीई) से संबद्ध संस्थानों के छात्रों द्वारा कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए बनाए गए ‘कोरोना सेफ नेटवर्क-एक महामारी प्रबंधन सॉफ्टवेयर’ को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक डिजिटल पब्लिक गुड की मान्यता दी गई है।
बिना वैक्सीन वाले छात्रों को नहीं मिलेगी कॉलेज में एंट्री
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को दी गई ये सर्वोच्च मान्यता है इन छात्रों को यह नेटवर्क बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय के एनईएटी प्रोग्राम के अंतर्गत प्यूपिल फर्स्ट डॉट ओआरजी द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। ‘डिजिटल पब्लिक गुड’ एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को दी गई ये सर्वोच्च मान्यता है जो निम्न और मध्यम आय वाले देशों में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में संयुक्त राष्ट्र की मदद कर सकता है।
बुधवार से खुल रहें डीयू कॉलेज
सॉफ्टवेयर में रखा गया है वैश्विक मानकों का ध्यान ः अनिल सहस्त्रबुद्दे एआईसीटीई चेयरमैन प्रो. अनिल डी सहस्त्रबुद्धे ने इस अवसर कहा कि भारतीय छात्रों द्वारा तैयार किए गए इस सॉफ्टवेयर में सभी वैश्विक मानकों का ध्यान रखा गया है। जैसे ओपन डेटा, ओपन एआई मॉडल्स, ओपन स्टैंडर्ड, प्राइवेसी आदि। संस्थान के वाइस चेयरमैन एमपी पूनिया ने कहा कि परिषद इंजीनियरिंग छात्रों द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सवो"ा मान्यता दिए जाने के बाद प्रसन्नता व्यक्त करता है। यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। इस सॉफ्टवेयर का फिलहाल केरल सरकार इस्तेमाल कर रही है। इसमें खाली बेड, आईसीयू, वेंटीलेटर्स की संख्या समेत तमाम सहायता दी जा रही है।
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