नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कोरोना महामारी के कारण दुनिया के ज्यादातर दफ्तरों में कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिया गया है। ऐसे में कुछ महिलाओं ने वर्क फ्रॉम होम के दौरान यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले हमेशा से आते रहे हैं लेकिन वर्क फ्रॉम होम में भी अब यह समस्या आने लगी। हाल ही में कुछ महिलाओं ने इसे लेकर एचआर कंसल्टेंसी ‘केल्पएचआर’ के पास शिकायतें की हैं। केल्पएचआर यौन उत्पीड़न के क्षेत्र में काम करती है।
महिलाओं का इस तरह हो रहा उत्पीड़न केल्पएचआर की सह संस्थापक मिलता स्मिता कपूर का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान हमारे पास कई महिलाओं की शिकायत आई है जिन्होंने वर्क फ्रॉम होम में यौन उत्पीड़न के मसले पर सलाह मांगी है।
जैसे एक पुरुष सहकर्मी अपनी महिला बॉस के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बिना पैंट शर्ट पहने आ गया और उसने शराब पी रखी थी, ऐसे ही दूसरा मामला है कि एक ऑफिस के एक वीडियो कांफ्रेंस के दौरान पुरुष कर्मचारी ने एक महिला सहकर्मी की तस्वीर का स्क्रीनशॉट से बिना पूछे ले लिया। इसके अलावा एक और मामला है कि एक सीनियर अधिकारी ने महिला सहकर्मी को देर रात फोन करके कहा कि मैं बहुत बोर हो रहा हूं कुछ निजी बात करते हैं। इसी तरह की परेशानियों को लेकर महिलाओं ने केल्पएचआर से संपर्क किया।
इस नियम के तहत महिला कर सकती है शिकायत स्मिता कपूर ने बताया कि कुछ महिलाओं को यह उलझन है कि वर्तमान में होने के कारण क्या यह कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के तहत आएगा और इसमें आगे क्या करना है। कुछ महिलाएं इस संबंध में अपने ऑफिस में भी शिकायत दर्ज करा चुकी है। बता दे कि घर पर काम करते हुए औरत उत्पीड़न के वही नियम लागू होंगे जो कार्यस्थल पर होने वाले मामलों में लागू होते हैं। अगर किसी महिला के साथ ऐसा मामला सामने आता है तो वह कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कानून के तहत ही अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 बता दें कि महिलाओं को कानूनी सहयोग देने और उनके उत्पीड़न पर रोक लगाने के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 लाया गया था। इसे विशाखा गाइडलाइंस के नाम से भी जाना जाता है। इस कानून के तहत संगठित और गैर संगठित दोनों ही क्षेत्र शामिल है। इस कानून के तहत महिला की इच्छा के विरोधी यौन भावना से संचालित किए गए व्यवहार को यौन उत्पीड़न माना जाएगा। इसमें संबंधित कोई भी शारीरिक, मौखिक व अमौखिक आचरण शामिल हैं। इन स्थितियों में कर सकते है शिकायत।
किसी महिला ने अपने वरिष्ठ या सहकर्मी में से किसी के साथ भी आंतरिक संबंध रहे हो, लेकिन वर्तमान में महिला के सहमति न होने पर भी उसे संबंध बनाने के लिए दबाव डाला जा रहा हो।
वर्चुअल, ऑनलाइन आंतरिक संबंध में आपत्तिजनक मैसेज, ऑनलाइन टॉकिंग, वीडियो कॉल के लिए दवाब बनाना, अश्लील जोक्स और वीडियो कांफ्रेंस में उचित ड्रेस में ना होना। कोई भी महिला ऐसी स्थिति में 3 महीने के अंदर अपनी शिकायत समिति को दे सकती है।
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