Sunday, Apr 02, 2023
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वैक्सीन पर खत्म हुआ सीरम और भारत बायोटेक का विवाद, कहा- साथ मिलकर करेंगे देश के लिए काम....

  • Updated on 1/5/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन (Corona) के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई। जिसके बाद भारत में वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के अधिकारियों की तरफ से जुबानी जंग सामने आई जिससे देश में वैक्सीन को लेकर विवाद देखने को मिला। 

लेकिन अब देशहित को सामने रखते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक, दोनों संस्थानों ने मंगलवार को एक बयान शेयर किये है। दोनों ने ही देशभर में कोरोना वैक्सीन पहुंचाने के प्रयासों को लेकर अपनी राय देते हुए कहा है कि दोनों अब कोरोना के खिलाफ साथ हैं। 

दरअसल, दोनों कंपनियों ने बड़े ही 'सहज' तरीके से वैक्सीनेशन शुरू करने का वादा किया है और कहा है कि जीवन बचाना ज्यादा जरूरी है। दोनों ने ही अपने बयान शेयर करते हुए कहा कि दोनों ही संस्थानों ने पूरे देश में सही तरीके से कोरोना वैक्सीन पहुंचाने के प्रयास किये जाएंगे। 

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दुनिया को साथ में वैक्सीन पहुंचाने का प्रण
बयान को शेयर करते हुए अदार पूनावाला और कृष्णा इल्ला ने ट्वीट किया है। ट्वीट में कहा गया है कि  ‘देश में कोरोना वैक्सीन को बनाने, सप्लाई करने और दुनिया तक पहुंचाने को लेकर अदार पूनावाला और कृष्णा इल्ला ने चर्चा की। दोनों ही संस्थानों का मानना है कि इस वक्त भारत और दुनिया के लोगों की जान बचाना बड़ा लक्ष्य है'। इस बयान के लास्ट में यह भी कहा गया है कि दोनों कंपनियां देश और दुनिया को साथ में वैक्सीन पहुंचाने का प्रण लेती हैं। 

इससे पहले दोनों संस्थानों की तरफ से काफी बयानबाजी हुई थी। सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला और भारत बायोटेक के कृष्णा इल्ला के बीच मेंकोरोना वैक्सीन को लेकर बहसबाज़ी हुई थी जिसने विवाद को जन्म दे दिया था। इसके बाद ही अदार पूनावाला ने जानकारी दी थी कि इस बयानबाजी को लेकर एक बयान जारी किया जाएगा। 

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ये दिए थे बयान 
कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद  सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला का एक बयान आया था जिसमें उन्होंने ऑक्सपोर्ड, मॉर्डना और फाइजर की वैक्सीन को सुरक्षित बताया था जबकि बाकी वैक्सीन को पानी बताया था। इस बयान के जवाब में भारत बायोटेक के  कृष्णा एल्ला ने कहा कि उन्हें ऐसे बयान की बिल्कुल भी आशा नहीं थी।

उन्होंने कहा कि हमने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया लेकिन अगर कोई हमारी वैक्सीन को पानी कहे तो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा, हम  वो वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने अच्छा काम किया है। वहीँ, जब दोनों संस्थानों के बीच बयानबाजी से तकरार बढ़ गई तब केंद्र ने दखल देने की बात कही थी। 

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