नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस (Corona) को रोकने के लिए कोरोना वैक्सीन का टीका लागाना शुरू हो चुका है। लेकिन देशभर में फ्री कोरोना वैक्सीन देने का दमखम अभी तक सिर्फ तीन देशों ने ही दिखाया है। हालांकि इन महंगी वैक्सीन को खरीदने की होड़ भी कई देशों में लगी हुई है।
इन महंगी वैक्सीनों में फाइजर, मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड, स्पूतनिक और चीनी कंपनी के बनाए कोविड-19 के टीके शामिल हैं जिसकी कई देशों ने अग्रिम खरीदारी कर ली है। लेकिन खरीदने के बादजूद जनता को मुफ्त में टीका देने के बारे में अभी देश सोच रहे हैं।
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भारत में बन रहें हैं ये टीके वहीं, भारत ने भी अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूदी दे दी है। इसके अलावा भी कई ऐसे टीके हैं,जो जल्द ही ट्रायल प्रोसेस को पूरा कर लेंगे। हम यहां बात करेंगे उन टीकों की जो देश में बन रहे हैं-
कोविशील्ड- कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है लेकिन इसके निर्माता ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी ऐस्ट्राजेनेका हैं। इस वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी में इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन अभी इसके इसका तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है।
कोवैक्सीन - इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक और आईसीएमआर के सहयोग से तैयार किया गया है। इस कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी भारत में मिल चुकी है, लेकिन तीसरे चरण का परीक्षण अभी चल रहा है।
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जाइकोव-डी- कैडिला हेल्थकेयर की इस वैक्सीन को डीएनए प्लेटफॉर्म पर बनाया जा रहा है, इसे जाइकोव-डी नाम दिया गया है। इस वैक्सीन को कैडिला ने बायोटेकनोलॉजी विभाग के सहयोग के साथ बनाया है। लेकिन अभी इसके तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण जारी है।
स्पुतनिक-V- यह वैक्सीन रूस की गेमालाया नेशनल सेंटर द्वारा बनाई गई है। स्पुतनिक-V वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण और प्रोडक्शन हैदराबाद की डॉक्टर रैडीज लैब कर रही है।
एनवीएक्स-कोव 2373- एनवीएक्स-कोव 2373 देश में बन रही कोरोना वैक्सीन है। इसका प्रोडक्शन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट कर रही है, इसके लिए इंस्टीट्यूट ने अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स के साथ पार्टनरशिप की है। अभी इसके तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है।
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बायोलॉजिकल ई लिमिटेड का टीका- भारत स्थित हैदराबाद की बायोलॉजिकल ई लिमिटेड, अमेरिकी की एमआईटी की बनाई प्रोटीन एंटीजेन बेस्ड वैक्सीन का उत्पादन कर रही है। इसके पहले और दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल जारी हैं।
एचजीसीओ-19- पुणे की जिनोवा कंपनी एचजीसीओ-19 कोरोना वैक्सीन को बना रही है। यह वैक्सीन अमेरिका की एचडीटी कंपनी का है और इसका भारत में भी उत्पादन चल रहा है। अभी इस वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण जल्द शुरू होने वाले हैं।
भारत बायोटेक का दूसरा टीका- अमेरिका के थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी की मदद से हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक एक अन्य कोरोना टीका का प्रोडक्शन कर रही है। यह टीका अभी प्रयोगशाला के स्तर पर है और अभी इसका क्लिनिकल परीक्षण शुरू नहीं हुआ है।
ऑरोबिंदो फॉर्मा का टीका- भारत की ऑरोबिंदो फार्मा अमेरिकी के ऑरोवैक्सीन के साथ मिलकर एक वैक्सीन बनी रही है जो अभी शुरूआती चरण में हैं।
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