नई दिल्ली/ धीरज कुमार। देशभर में कोरोना वायरस (Corona Virus) का कोहराम थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। दिन प्रतिदिन कोरोना के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस महामारी से बचाव के लिए दुनियाभर में किसी के पास भी ठोस उपाय नहीं है, इसलिए इससे राहत के लिए सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) ही एकमात्र दवा है। इसी दवा का पालन करने के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन (Lockdown) लागू है।
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जरुरी सेवाएं ही चालू लॉकडाउन के दौरान केवल जरुरी व महत्वपूर्ण सेवाएं ही चालू रखी गई है। इसमें स्वास्थ्य सुविधा, राशन पानी जैसी अतिमहत्वपूर्ण सेवा को छोड़कर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है। इन पाबंदियों के कारण गरीब व मजदूर तबके के लोग काफी प्रभावित हुए हैं। रोजाना मजदूरी करके कमा कर खाने वाले मजदूरों के सामने जीविका चलाने का संकट आ गया है। कॉन्ट्रेक्ट बेस पर काम करने वाले कर्मियों पर नौकरी जाने का डर सता रहा है। किसानों को फसल की कटाई की चिंता हो रही है। इसी तरह हर क्षेत्र के लोग परेशानी से जूझ रहे हैं।
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एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति इन सभी समस्याओं के बीच में कोरोना से मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार करे तो करे क्या? लॉकडाउन लगाई तो जीविका का संकट और लॉकडाउन हटाई तो कोरोना से मौत का डर। शनिवार को इसी संकट को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया। अनेक राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की सलाह दी तो कुछ मुख्यमंत्रियों ने अपने सूबे के लिए विशेष पैकेज की मांग की। इस चर्चा के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए अगले 2 सप्ताह तक लॉकडाऊन को जारी रखा जाएगा।
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लॉकडाउन अब लॉकइन बनेगा लॉकडाउन को जारी रखते हुए इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा किसी प्रकार से लोगों के जीविका चलन प्रभावित न हो। इसलिए सरकार ने अब लॉकडाउन की काट खोज ली है। 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन 'लॉकइन' बन जाएगा। आप सोच रहे होंगे कि ये लॉकडाउन के बाद अब मार्केट में ये लॉकइन क्या आया है। दरअसल, सरकार कुछ राहत देकर लॉकडाउन को जारी रखना चाहती है। इसके लिए सरकार देश को तीन हिस्सों में बांटने की तैयारी कर रही है। जिसमें कोरोना से सबसे अधिक संक्रमित हिस्से को रेड जोन में, उससे कम संक्रमित वाली जगह ऑरेंज जोन में और जहां संक्रमितों की संख्या न के बराबर है उसको ग्रीन जोन में रखेगी।
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ऐसे होगा समाधान इन सभी जगहों का वर्गीकरण करने के बाद सरकार ऐसी फैक्ट्रियों और ऐसी कंपनियों को चिन्हित करेगी जहां काम के साथ-साथ कर्मियों के रहन सहन की भी व्यवस्था होगी। कर्मी वहीं रहकर अपना काम भी करेंगे और बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा। इसलिए इसे लॉकइन कहा जा रहा है। सरकार के इस योजना में आरोग्य सेतु ऐप काफी मददगार साबित होगी। इस ऐप के जरिए उन्हीं लोगों को काम पर जाने की अनुमति होगी जो लोग कोरोना से मुक्त होंगे या फिर उनका क्षेत्र कोरोना रहित होगा। यह ऐप एक प्रकार से ई-पास का काम करेगा, जिसे आप दिखाकर बाहर निकल सकेंगे। इस ऐप के जरिए यह भी जानकारी मिल सकेगी कि आप जहां-जहां गए हैं, वहां से तो कोई कोरोना से संक्रमित मरीज तो सामने नहीं आ रहा है।
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