नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए अब स्वास्थ्य महानिदेशालय ने साइटोकाइन थेरैपी के ट्रायल किए जाने को अनुमति दे दी है। इस थेरैपी की खास बात यह है कि इसे कोरोना के शुरूआती दौर में ही मरीज को दिया जाता है जिससे वो कोरोना से गंभीर रूप से बीमार नहीं होता।
इसे संक्रमण के मामूली लक्षणों के दौरान ही मरीज को दिया जा सकता है। जिससे वो अति संक्रमित होने से बच जाता है और खुद उसकी बॉडी कोरोना से लड़ने लगती है।
कोरोना से ठीक हुए मरीजों के दोबारा पॉजिटिव आने पर नहीं होगा संक्रमण का खतरा- शोध
जल्द होने लगेगा इस्तेमाल इस थेरैपी के ट्रायल के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय ने कर्नाटक में बेंगलुरु के एसीजी कैंसर अस्पताल को न्यू ड्रग्स एंड क्लीनिकल ट्रायल रूल्स, 2019 के तहत साइटोकाइन थेरैपी को शुरू करने की अनुमति दी है। इससे पहले कर्नाटक में मरीजों को साइटोकाइन थेरैपी के जरिए इलाज दिया जा रहा था, जिससे राज्य में मौतों में कमी देखी गई थी।
चूहों से फैलने वाली जानलेवा बीमारी का हुआ खुलासा, अब तक 11 मामले आए सामने
मिल चुकी है ये मंजूरी इससे पहले इस अस्पताल को प्लाज्मा थेरैपी का इस्तेमाल कर मरीजों की जान बचाने की मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन इस वक्त राज्य में साइटोकाइन थेरैपी को लेकर सिर्फ सेफ्टी ट्रायल्स किए जा रहे हैं। इसका अभी पहला चरण ही चल रहा है अगर सभी चरण सफल रहे तो इस साइटोकाइन थेरैपी को जून में मरीजों के इलाज के तौर पर पेश किया जा सकता है।
शुरूआती दौर क्यों है अहम इस साइटोकाइन थेरैपी में शुरूआती दौर में ही इलाज दिया जाना अहम है क्योंकि अगर मरीज को गंभीर होने के बाद इस साइटोकाइन थेरैपी को दिया जायेगा तो मरीज का इम्यून सिस्टम ओवरएक्टिव हो जाएगा, जिससे मरीज के अंगों में सूजन, निमोनिया या दूसरी परेशानियां हो सकती है इसलिए इसे शुरुआत में ही इस्तेमाल किया जाएगा।
बंदरों पर शोध कर वैज्ञानिकों ने समझा महामारी में क्यों जरुरी है सोशल डिस्टेंसिंग का फंडा
साइटोकाइन थेरैपी कैसे करेगी काम वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के मरीज को शुरूआती दौर में साइटोकाइन थेरैपी दी जाएगी। इससे मरीज के इम्यून सिस्टम को एक तरह का बूस्ट मिलेगा और वो संक्रमण के कारण सुस्त पड़ने के बाद साइटोकाइन थेरैपी पा कर फिर से एक्टिव हो जायेगा और कोरोना वायरस से लड़ने लगेगा।
साइटोकाइन थेरैपी मरीज के इम्यून को बीमारी के आगे हार मानने से पहले ही उसे और पॉवर दे देती है। जिससे मरीज का शरीर तेजी से वायरस के खिलाफ लड़ने लगता है और रेस्पोंस देने लगता है।
दिल्ली के वैज्ञानिकों ने बनाई कोरोना टेस्ट किट ‘फेलूदा’, बेहद कम समय में देगी रिजल्ट
बुजुर्गों पर सबसे पहले वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी तक सब ठीक रहा है अगर आगे भी इसके सभी ट्रायल ठीक रहे तो इसका जून से इस्तेमाल किया जा सकता है और इसका सबसे पहले इस्तेमाल बुजुर्गों पर किया जाएगा, क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम रेस्पोंस जिस हिसाब से देगा उसी के अनुसार बाकी मरीजों पर फिर परीक्षण करके देखा जा सकेगा।
यहां पढ़ें कोरोना से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरें...
चीन के इस दुर्लभ जीव का मांस है 1 लाख रु. किलो, बढ़ती डिमांड के कारण विलुप्त होने को है ये जीव
Coronavirus की दवा हो सकती है अश्वगंधा, IIT दिल्ली ने किया शोध
दुनिया के इस देश में खाया जाता है चमगादड़ का मांस, कोरोना के बाद भी यहां नहीं रुकी बिक्री
चिलचिलाती गर्मी में, दिव्यांग बेटी को बोरे में रखकर साइकिल से घर जाने को मजदूर हुआ बेबस
कोरोना वायरस को लेकर चीन ने दी अपनी सफाई, दुनिया को बताए ये 6 फैक्ट
वित्त मंत्री के ऐलान में क्या कुछ रहा खास, PM मोदी के महापैकेज के खर्च पर एक नजर...
बदरों पर शोध कर वैज्ञानिकों ने समझा महामारी में क्यों जरुरी है सोशल डिस्टेंसिंग का फंडा
कोरोना को लेकर दुनिया को डराने में लगा है WHO! जानें कब- कब, क्या दी जानकारी
'लोकल' पर 'वोकल': दवाओं के लिए खत्म करनी होगी ड्रैगन पर निर्भरता, चौंकाने वाले हैं ये आंकड़े
उज्जवला लाभार्थियों के लिए मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, अब 600 में...
मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक शुरू, रेपो दर स्थिर रहने का अनुमान
Asian Games: PM मोदी ने विजेता खिलाड़ियों को बधाई दी, कही ये बात
दिल्ली शराब घोटाला मामले में ‘AAP' सांसद संजय सिंह के घर ED के छापे
सिक्किम में अचानक आई बाढ़ से भारी तबाही, सेना के 23 जवान लापता
नौकरी के बदले जमीन घोटालाः कोर्ट ने लालू, राबड़ी और तेजस्वी को जमानत...
‘न्यूजक्लिक' के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ, HR प्रमुख को 7 दिन की...
Asian Games: देवताले- ज्योति ने कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा में...
भारत ने एशियाई खेलों में सर्वाधिक पदक के अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा
कांग्रेस को प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में उपदेश नहीं देना चाहिए,...