नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। गुजरात उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को विजय रूपाणी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में ‘सुनामी’ का सामना कर रहा है क्योंकि उसने पूर्व में अदालत और केंद्र द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल नहीं किया, साथ ही उतनी सतर्कता नहीं बरती गई जितनी बरती जानी चाहिए थी।
प्रियंका गांधी ने यूपी में बढ़ते कोरोना कहर पर भाजपा सरकार पर साधा निशाना
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और जस्टिस भार्गव करिया की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा बिस्तरों की उपलब्धता, जांच सुविधा, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधी दावों पर भी आशंका जताई। पीठ ने कहा, ‘‘आशंका है कि भविष्य में स्थिति और भी खराब हो सकती है। इस अदालत ने फरवरी में कुछ सुझाव दिए थे। हमने और कोविड-19 सर्मिपत अस्पतालों को तैयार करने को कहा था। हमने कहा था कि पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध होने चाहिए, जांच की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए, सुनिश्चत करें कि लोग मास्क पहले और सार्वजनिक स्थलों पर सख्त निगरानी रखी जाए।’’
सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम के भेजे नामों को मंजूरी देने के लिए केंद्र से मांगा जवाब
अदालत ने कहा, ‘‘लेकिन, ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने हमारी सलाह पर विचार नहीं किया। इसी वजह से आज कोरोना वायरस महामारी की सुनामी देखी जा रही है। चूंकि, केंद्र लगातार राज्य को इसकी याद दिला रहा था लेकिन सरकार उतनी सतर्क नहीं थी जितनी होनी चाहिए।’’ अदालत ने यह टिप्पणी कोरोना वायरस महामारी की स्थिति और लोगों की समस्या पर पिछले सप्ताह स्वत: संज्ञान लेते हुए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए की। इसके जवाब में महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार मामले में ‘गंभीर’ थी और हर संभव प्रयास कर रही है।
कोरोना कहर को लेकर मोदी सरकार में मंत्री गडकरी ने चेताया
रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा क्योंकि केंद्र सरकार ने गुजरात सरकार के अनुरोध पर इनके निर्यात पर रोक लगा दी है। जब अदालत ने जांच सुविधा के बारे में पूछा तो त्रिवेदी ने सूचित किया कि डांग जिले को छोड़ राज्य के सभी जिलों में आरटी-पीसीआर जांच प्रयोगशाला है। हालांकि, जस्टिस करिया ने त्रिवेदी को सरकार के दावे की दोबारा जांच करने को कहा और रेखांकित किया कि आणंद जिले में प्रयोगशाला नहीं है और नमूने अहमदाबाद लाए जाते हैं।
केंद्रीय बलों का घेराव करने के लिए उकसाने के आरोप में ममता के खिलाफ FIR
पिछली सुनवाई में दिए गए निर्देश के मुताबिक त्रिवेदी ने पीठ के सामने हलफनामे के जरिये स्थिति रिपोर्ट भी सौंपी। इसमें बताया कि राज्य के करीब 1000 अस्पतालों में 71,021 बिस्तर हैं जिनमें से 12 अप्रैल को केवल 53 प्रतिशत ही भरे थे। इस जवाब से असंतुष्ट पीठ ने कहा, ‘‘ हमें इस आंकड़ों को लेकर गंभीर आशंका है। आप कह रहे हैं कि केवल 53 प्रतिशत बिस्तर भरे हैं, इसके बावजूद मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इस स्थिति में आंकड़े कैसे सही हो सकते हैं?’’
दिल्ली पुलिस के सिपाही से मारपीट के मामले में जिम मालिक के खिलाफ केस दर्ज
यहां पढ़े अन्य बड़ी खबरें...
किसानों ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का किया विरोध, गांव आए तो लगाए मुर्दाबाद के नारे
अभिषेक बनर्जी के घर सीबीआई, कोयला चोरी मामले में उनकी पत्नी, साली को नोटिस
Delhi-NCR में आज से चलेंगी लोकल ट्रेनें, ऐसे टिकट करनी होगी बुक
किसानों ने आंदोलन तेज करने के लिए अपने नए कार्यक्रमों का किया ऐलान
पश्चिम बंगाल : ममता सरकार ने की पेट्रोल, डीजल पर टैक्स में कमी
केरल में हिंदू युवतियों के इस्लाम में धर्मांतरण पर रिपोर्ट मंगाएंगे केरल के गवर्नर
केरल शास्त्र साहित्य परिषद ने मोदी सरकार के गौ विज्ञान को लेकर उठाए सवाल
ओडिशा : कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर में पटरी से उतरी, 50 की मौत, 350...
अंकिता भंडारी के परिजन ने की हत्याकांड की पैरवी कर रहे विशेष लोक...
हरियाणा : पुरानी पेंशन की बहाली के लिए सरकारी कर्मचारियों का साइकिल...
विपक्षी नेताओं के खिलाफ राजद्रोह कानून का इस्तेमास करना चाहती है...
बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई तो किसान पहलवानों को जंतर-मंतर लेकर...
22 जून को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री...
राजद्रोह के मामलों में सजा बढ़ाकर सात वर्ष की जाए : विधि आयोग की...
सिसोदिया को शनिवार को अपने घर पर बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत मिली
पदक विजेता बेटियां न्याय मांग रही हैं और प्रधानमंत्री मोदी चुप हैं:...
राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताया, BJP ने की...