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सावधान! वैक्सीन लगाने के बाद भी हो सकता है कोरोना, लगाना ही पड़ेगा मास्क

  • Updated on 12/10/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना वायरस (Corona Virus) का दंश झेल रही इस दुनिया के पास अब पीफिजर और मॉडरना कोरोन वैक्सीन आ गईं हैं। यह दोनों की वैक्सीन से लड़ने में तो कारगर साबित हुई हैं लेकिन यह कोरोना वायरस को रोकने में कितनी कारगर होंगी,  ये साफ नहीं हो सका है। हालांकि शुरूआती टीके के बाद कुछ लोगों पर इसका दुष्प्रभाव देखने को मिला है। 

लेकिन इसके बावजूद उम्मीद की जा रही हैं कि वैक्सीन से लोग रिकवर हो सकें। इस बीच मिल रही जानकारी के अनुसार, टीकाकरण के बाद भी इस बात की गुंजाइश बनी रहती है कि लोग कोरोना वायरस से दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकते हैं, क्योंकि वैक्सीन ट्रायल में कोरोना के प्रसार को रोकने को लेकर कोई बात नहीं कही गई है। खासकर तब जब टीकाकरण के बाद कोरोना के मरीज लापरवाह हो जाएं और मास्क पहनना छोड़ दें।

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इसके बारे में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के मिचल टल ने कहा कि टीकाकरण के बाद भी मरीज साइलेंट स्प्रेडर साबित हो सकते हैं। अनुमान है कि इससे उन लोगों को खतरा हो सकता है जिन्हे वैक्सीन नहीं लगी है और ये लोग इस कोरोना महामारी की चपेट में आ सकते हैं।

मिचल टल के अनुसार  कई लोगों का कहना है कि एक बार कोरोना वैक्सीन लगने के बाद वे मास्क नहीं पहनेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों को सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि वह कोरोना के साइलेंट स्प्रेडर साबित हो सकते हैं। उनसे ये महामारी दूसरे लोगों तक पहुंच सकती है।

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हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से नाक के जरिए शरीर में दाखिल होता है और ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद वायरस शरीर में दाखिल नहीं हो सकता है। जिस तरह से वैक्सीन दी जा रही है उससे मरीजों में एंटीबॉडी काम करने लगेंगी। लेकिन यह भी मुमकिन है कि वैक्सीन ले चुके व्यक्ति से भी बाकी लोगों को कोरोना हो सकता है। जैसे मान लें कि अगर कोई व्यक्ति वैक्सीन ले चुका है और वह खांसता या छींकता है तो मास्क न पहनने की स्थिति में ये वायरस दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकता है।

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इस बारे में जानकार मानते हैं कि वैक्सीन ले चुके व्यक्ति के भीतर एंटीबॉडी बनने और वायरस फैलने की गुंजाइश साथ साथ बनी रहती हैं। अभी सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन का आना जरूरी था इसलिए अब आगे आने वाले समय में कोरोना के इलाज के लिए इस तरह का भी इलाज विकसित किया जाएगा जो कोरोना वायरस के फैलने के केंद्र बिंदु यानी नाक को ध्यान में रखते हुए कारगार बनाई जाएगी। वहीँ, विशेषज्ञों को उम्मीद है कि वैक्सीन वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करेगी। 

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