नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत में कोरोना वायरस (Corona) के मामले अब कम होने लगे हैं। हालांकि संक्रमित लोगों के सही आंकड़े क्या हैं यह अभी तक नहीं पता चल सका है लेकिन अब मामले कम होता देखकर वैज्ञानिक इन हालातों को समझने में लगे हैं कि क्या भारत में लोगों के बीच सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी हार्ड इम्युनिटी विकसित हो गई है।
दरअसल, वैज्ञानिक भारत में कोरोना के घटते-बढ़ते मामलों की संख्या को समझने की कोशिश कर रहे हैं। सोमवार को कोरोना वायरस के 16,504 नये मामले सामने आये थे जो 16 सितम्बर को दर्ज किए गए 97,894 मामलों की तुलना में 6 गुना कम हैं।
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गिरते मामलों से लगाया अंदाजा इस बारे में जानकारों का कहना है कि यह एक उम्मीद की एक किरण हो सकती है और इसी वजह से कोरोना के मामले भारत में कम हो रहे हैं। भारत में अब टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। भारत के बढ़ते-घटते ग्राफ को देखते हुए अशोका यूनिवर्सिटी के त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के निदेशक शाहिद जमील ने कहा, ''यह निश्चित संख्या नहीं है, बल्कि उतार-चढ़ाव महत्वपूर्ण है।''
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सही आंकड़े नहीं पता लगाए जा सकते हैं लेकिन ऐसा कर पाना भी असंभव और अव्यावहारिक लगता है। उन्होंने कहा कि सितंबर के बीच में कोरोना चरम पर था और अब लगातार मामले कम हो रहे हैं। वहीँ, राष्ट्रीय रुख की माने तो कोरोना का ग्राफ सोमवार को नीचे आया और 384 नए मामले दर्ज किए गए जो बीते सात महीनों में सबसे कम रहा और उससे यह उम्मीद भी मिली कि हर्ड इम्युनिटी स्थापित हो सकती है।
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कब पैदा होती है हर्ड इम्युनिटी वहीँ, नेचर जर्नल में यह कहा गया है कि सामान्यतौर पर 60% आबादी के संक्रमित होने के बाद ही हर्ड इम्म्युनिटी पैदा होती है। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए अभी आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। साइंस जर्नल में प्रकाशित एक शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना से 43% लोगों के संक्रमित होने से हर्ड इम्युनिटी पाई जा सकती है। शुरूआती कोरोना काल के दौरान 10 बड़े शोधकर्ताओं का एक शोध मैड रैक्सिव में पब्लिश हुआ था जिसमें ये दावा किया गया है कि हर्ड इम्युनिटी पाने के लिए 20% लोगों का संक्रमित होना ही काफी है।
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क्या है हर्ड इम्युनिटी एक बड़े हिस्से में वायरस से लड़ने की ताकत पैदा होना हर्ड इम्युनिटी है। वायरस द्वारा संक्रमित मरीज के ठीक होने के का कारण टीकाकरण भी है और अगर ये दावा ठीक हुआ तो 20% लोगों का टीकाकरण करने से पहले ही कोरोना वायरस को टाला जा सकता है।
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