नई दिल्ली/अनामिका सिंह। कोरोना महामारी के चलते पूरे विश्व की जान वैसे ही सांसत में आई हुई है, ऐसे समय में दिल्ली सरकार का खाद्य एवं आपूर्ति विभाग उनके लिए राशन मुहैया करवाने के साथ ही नए राशन कार्ड के आवेदन करवाने में लगा हुआ है। वहीं कुछ शैतानी तत्वों ने मजबूरी का फायदा उठाते हुए एक फर्जी वेबसाइट बना डाली और राशनकार्ड पंजीकरण के नाम पर 407 रूपए शुल्क जमा करवाने के लिए कहने लगे। यह बात सामने आते ही खाद्यमंत्री इमरान हुसैन ने खाद्य आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को अलर्ट किया। उक्त मामले पर एफआईआर दर्ज कर क्राइम ब्रांच की ओर से जांच भी शुरू कर दी गई हैं।
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खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने दिया कार्रवाई का निर्देश बता दें कि मंत्री इमरान हुसैन के संज्ञान में बात आई की एक फर्जी वेबसाइट के द्वारा लोगों से डिजिटल राशन कार्ड के पंजीकरण के अलावा अन्य सेवाओं के नाम पर 407 रूपए का शुल्क वसूला जा रहा है। जोकि लाकडाउन के बीच गरीब व जरूरतमंद लोगों को परेशान करना था, जबकि दिल्ली सरकार द्वारा गरीब और जरूरतमंद लोगों को भी मुफ्त में राशन प्रदान किया जा रहा है। यह साफतौर पर धोखाधडी का मामला है, जिसपर मुख्य सचिव व आयुक्त को मामले की जांच के लिए कहा गया।
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अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस मामले को तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने उठाया और कडे कदम उठाए जाने की मांग की। जिसके बाद उक्त मामले पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस मामले की छानबीन करने में जुटी हुई है। अवैध रूप से चलाई जा रही इस वेबसाइट के चलते हो सकता है कई गरीब व जरूरतमंद लोग इसका शिकार भी बन गए हों क्योंकि परिस्थितियां ऐसी हैं कि भोजन की आवश्यकता इस समय सबको महसूस हो रही है। फिलहाल दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और आईटी अधिनियम की धारा 66 डी के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है और मामले की जांच शुरू की है।
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मंत्री ने किया खाद्य आयुक्त व अतिरिक्त मुख्य सचिव को अलर्ट
मंत्री ने उक्त मामले पर जल्द से जल्द उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को कहा है। मालूम हो कि राशन कार्ड का मतलब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार के आदेश या प्राधिकरण के तहत जारी किया गया एक दस्तावेज है जोकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों से आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए है। इसके लिए किसी भी एजेंट को अधिकृत करने के लिए कोई भी कानून नहीं है, ऐसे में फर्जी वेबसाइट चलाना कानूनी प्रावधानों का घोर उल्लंघन है।
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क्या कहते हैं मंत्री: खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि आम जनता को ऐसे फर्जी वेबसाइट से बचकर रहना चाहिए। सरकार मुफ्त में राशन की दुकानों व ई-कूपन के जरिए चयनित प्वाइंट से फ्री राशन मुहैया करवा रही है। उन्होंने कहा कि फर्जी वेबसाइट पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है, पुलिस को चाहिए कि ऐसे लोगों को जल्द गिरफ्तार कर दंडित करे।
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दिल्ली पुलिस ने खाद्य आयुक्त को कहा राशन की है शार्टेज
दिल्ली पुलिस स्पेशल ब्रांच की ओर से दिल्ली की खाद्य आयुक्त को एक रिपोर्ट सौंपी गई है। जिसमें राशन की दुकानों पर राशन शार्टेज होने की बात कही गई है। इसमें साउथ-वेस्ट में 5, नार्थ-ईस्ट में 8, साउथ-ईस्ट में 6, रोहिणी में 18, द्वारका में 27, साउथ-वेस्ट में 5 व नार्थ-ईस्ट में 8 दुकानों की जानकारी दी गई है।
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इस बाबत जब मंत्री इमरान हुसैन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने अप्रैल माह का राशन डेढ गुना बढाकर 28 मार्च से ही बंटवाना शुरू कर दिया था और अधिकतर दुकानों पर 95 फीसदी राशन बांटा जा चुका है जिसकी वजह से दुकानें खाली हैं। हो सकता है कि इसीलिए पुलिस को लगा होकि राशन की शार्टेज है। सिर्फ कुछ लोग राशन नहीं ले पाएं है उन्हें भी जल्द मिल जाएगा और जल्दी की मई के राशन की आपूर्ति भी शुरू कर दी जाएगी।
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