Thursday, Jun 01, 2023
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कोरोना कहर : CSR पर फैले भ्रम को लेकर ममता सरकार ने लगाई मोदी सरकार से गुहार

  • Updated on 4/16/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देश की राज्य सरकारें अपने स्तर पर फंड जुटाने में जुटी हैं। लेकिन वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना में सीएसआर को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए अयोग्य करार दिया गया है। इससे राज्य सरकारों को बिजनेस हाउसों से धन जुटाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि केंद्र की पीएम केयर्स में सीएसआर के लिए कोई शर्त नहीं है। इसको लेकर अब राज्य सरकारों में असंतोष देखा जा रहा है। 

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मसले को 11 अप्रैल को हुई पीएम और मुख्यमंत्रियों की बैठक में उठाया था, लेकिन बावजूद इसके कोई समाधान नहीं निकला। अब पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय वित्तमंत्री को खत लिखकर सीएसआर पर स्थिति साफ करने की अपील की है। 

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अपने खत में  पश्चिम बंगाल सरकार का मानना है कि सीएसआर को लेकर फैला भ्रम प्रदेश की कंपनियों से दान मिलने में बाधा बन रहा है। कोविड 19 फंड को लेकर किसी तरह की शर्त ठीक नहीं है। प्रदेश सरकारों को भी अपने स्तर पर धन जुटाने और उससे कोरोना कहर में राहत पहुंचाने का काम करना है। ऐसे में सीएसआर को लेकर रुख साफ किया जाए।

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बता दें कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के सर्कुलर में बिजनेस कंपनियों के सीएसआर को मुख्यमंत्री राहत कोष के अयोग्य करार दिया गया है। पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने सीतारमण को लिखे खत में गुजारिश की है कि उनका मंत्रालय इस तरह के भ्रम को दूर करे और राज्यों को राहत प्रदान करे। 

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