Thursday, Mar 30, 2023
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country economy most sectors have recovered effects of corona: president draupadi murmu

देश की अर्थव्यवस्था के ज्यादातर क्षेत्र कोरोना के प्रभाव से उबरे: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  • Updated on 1/25/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। ज्यादातर क्षेत्र कोरोना महामारी के प्रभाव से उबर चुके हैं और भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में ‘आत्मनिर्भर भारत' अभियान के प्रति जनसामान्य के बीच विशेष उत्साह देखा जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएं भी लागू की गई हैं। सर्वोदय के हमारे मिशन में आर्थिक मंच पर हुई प्रगति सबसे अधिक उत्साहजनक रही है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। यह उल्लेख करना जरूरी है कि यह उपलब्धि, आर्थिक अनिश्चितता से भरी वैश्विक पृष्ठभूमि में प्राप्त की गई है।

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उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आर्थिक वृद्धि पर इसका असर दिख रहा है। शुरुआती दौर में कोविड-19 से भारत की अर्थव्यवस्था को भी काफी क्षति पहुंची। फिर भी, सक्षम नेतृत्व और प्रभावी संघर्षशीलता के बल पर देश शीघ्र ही इससे उबर गया। अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्र अब महामारी के प्रभाव से बाहर आ गए हैं। यह सरकार द्वारा समय पर किए गए सक्रिय प्रयासों द्वारा ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि मार्च, 2020 में घोषित ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' पर अमल करते हुए, सरकार ने उस समय गरीब परिवारों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जब हमारे देशवासी कोविड-19 की महामारी के कारण अचानक उत्पन्न हुए आर्थिक व्यवधान का सामना कर रहे थे। इस सहायता की वजह से किसी को भी खाली पेट नहीं सोना पड़ा। गरीब परिवारों के हित को सर्वोपरि रखते हुए इस योजना की अवधि को बार-बार बढ़ाया गया तथा लगभग 81 करोड़ देशवासी लाभान्वित होते रहे। उन्होंने कहा कि इस सहायता को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने घोषणा की है कि वर्ष 2023 के दौरान भी लाभार्थियों को उनका मासिक राशन मुफ्त में मिलेगा।

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राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘हमें कोविड-19 के शुरुआती दौर में यह देखने को मिला कि प्रौद्योगिकी में जीवन को बदलने की संभावनाएं होती हैं। ‘डिजिटल इंडिया मिशन' के तहत गांव और शहर की दूरी को समाप्त करके, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को समावेशी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। दूरदराज के स्थानों में अधिक से अधिक लोग इंटरनेट का लाभ उठा रहे हैं।'' अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर उन्होंने कहा कि भारत गिने-चुने अग्रणी देशों में से एक रहा है। इस क्षेत्र में काफी समय से लंबित सुधार किए जा रहे हैं, और अब निजी उद्यमों को इस विकास-यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए ‘गगनयान' कार्यक्रम प्रगति पर है। यह भारत की पहली मानव-युक्त अंतरिक्ष-उड़ान होगी। हम सितारों तक पहुंचकर भी अपने पांव ज़मीन पर रखते हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ'' अभियान में लोगों की भागीदारी के बल पर हर कार्यक्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। राज्यों की अपनी यात्राओं, शिक्षण-संस्थानों के कार्यक्रमों और पेशेवरों के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मिलने के दौरान, मैं युवतियों के आत्मविश्वास से बहुत प्रभावित होती हूं। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि महिलाएं ही आने वाले कल के भारत को स्वरूप देने के लिए अधिकतम योगदान देंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘सशक्तीकरण की यही दृष्टि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों सहित, कमजोर वर्गों के लोगों के लिए सरकार की कार्यप्रणाली का मार्गदर्शन करती है। वास्तव में, हमारा उद्देश्य न केवल उन लोगों के जीवन की बाधाओं को दूर करना और उनके विकास में मदद करना है, बल्कि उन समुदायों से सीखना भी है। विशेष रूप से जनजातीय समुदाय के लोग, पर्यावरण की रक्षा से लेकर समाज को और अधिक एकजुट बनाने तक, कई क्षेत्रों में, सीख दे सकते हैं।''

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