Monday, Sep 25, 2023
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country''''s first medical cobotics center to be set up in iiit delhi

आईआईआईटी दिल्ली में स्थापित होगा देश का पहला मेडिकल कोबोटिक्स सेंटर

  • Updated on 11/17/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। देश का पहला मेडिकल कोबोटिक्स सेंटर (एमसीसी) आईआईआईटी दिल्ली में स्थापित किया जाएगा। ये केंद्र न सिर्फ स्वास्थ्य रोबोटिक्स और डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुसंधान परिणामों के लिए एक सत्यापन केंद्र होगा बल्कि यहां युवा रेजीडेंट डॉक्टरों के लिए एक प्रौद्योगिकी सक्षम चिकित्सा सिमुलेशन और प्रशिक्षण सुविधा भी होगी। केंद्र अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों, पैरामेडिकल स्टॉफ, तकनीशियनों, इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान करेगा।

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आईआईटी दिल्ली और आईआईआईटी दिल्ली के बीच हुआ करार
जिसके लिए बुधवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच) आई हब फाउंडेशन फॉर कोबोटिक्स(आईएचएफसी) और इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफ ोर्मेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली(आईआईआईटीडी) के टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब, आईहब अनुभूति ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। दोनों संस्थानों के हब मेडिकल रोबोटिक्स/कोबोटिक्स, डिजिटल स्वास्थ्य, सेंसिंग और कंप्यूटिंग तकनीकों के क्षेत्र में उन्नत तकनीकों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो रोबोटिक-सहायता प्राप्त सर्जरी, प्रशिक्षण और चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए अनिवार्य हैं।

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इन टेक्नोलॉजी इनोवेशन हबों के बीच सहयोग के बारे में आईआईटी दिल्ली निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव ने कहा कि सामाजिक लाभ के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए, संस्थानों के शोधकर्ताओं के लिए एक साथ आना और एक केंद्रित तरीके से काम करना महत्वपूर्ण है। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि दिल्ली में दो प्रमुख संस्थान मेडिकल रोबोटिक्स में प्रौद्योगिकियों के विकास की सुविधा के लिए एक साथ आ रहे हैं।

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आईआईआईटी दिल्ली निदेशक प्रो. रंजन बोस ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी संस्थानों में से एक होने के नाते, डीएसटी द्वारा हमें कॉग्निटिव साइंसेज एवं सोशल सेंसिंग के व्यापक क्षेत्र में एक टीआईएच बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अगली पीढ़ी के रोबोटिक्स तकनीक के लिए कॉग्निटिव साइंसेज एवं सोशल सेंसिंग प्रौद्योगिकियां आवश्यक हैं, विशेष रूप से चिकित्सा क्षेत्र और डिजिटल स्वास्थ्य में अनुप्रयोगों के लिए। मुझे विश्वास है कि यह सहयोग इस क्षेत्र में प्रभाव पैदा करेगा और शोध को आगे बढ़ाएगा।

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