नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को झटका देते हुए सोमवार को सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत राज्य में 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी सूची की समीक्षा करके तीन महीने के अंदर उचित तरीके से आरक्षण तय करने के निर्देश दिए। अदालत ने यह भी कहा कि सरकार उन शिक्षकों के समायोजन के लिए एक नीति तैयार करे, जिन्हें एक जून, 2020 की चयन सूची की समीक्षा के परिणाम स्वरूप होने वाले संशोधन के बाद पद से हटाया जा सकता है।
TMC ने CBI पर साधा निशाना, कहा- भाजपा नेताओं को भी जांच के घेरे में लाओ
न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने 117 याचिकाओं का निस्तारण करते हुए यह फैसला सुनाया। पीठ ने राज्य सरकार को झटका देते हुए कहा कि राज्य के अधिकारियों ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के तहत उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आरक्षण तय करने में कई 'अवैध' काम किए हैं। न्यायमूर्ति शुक्ला ने कहा, "जाहिर है, एटीआरई 2019 में शामिल होने वाले आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के प्राप्तांकों और विवरण में कोई स्पष्टता नहीं थी। राज्य के अधिकारियों की ओर से इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।"
AAP ने छत्तीसगढ़ में कोयला डील में अडानी को घेरा, प्रधानमंत्री मोदी से मिले सीएम बघेल
अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि वह वर्ष 2019 में हुई सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद एक जून 2020 को जारी चयन सूची की अगले तीन महीने के अंदर समीक्षा करके समुचित आरक्षण तय करे। पीठ ने पांच जनवरी 2022 को जारी 6800 शिक्षकों की चयन सूची को भी रद्द कर दिया। पीठ ने चयन सूची सार्वजनिक होने के बाद नौकरी कर रहे शिक्षकों से सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा, "पहले से नियुक्त और वर्तमान में एटीआरई 2019 के आधार पर चयनित विभिन्न जिलों में तैनात सहायक शिक्षक अपने पद पर तब तक काम करना जारी रखेंगे जब तक कि राज्य के अधिकारी चयन सूची को संशोधित नहीं करते। इन शिक्षकों को परेशान नहीं किया जाएगा।"
BJP के खिलाफ विपक्षी एकता पर जोर देने का परिणाम है श्रमिकों के बारे में ‘‘झूठ'': स्टालिनचयन सूची की समीक्षा में हटाए जा सकने वाले शिक्षकों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए पीठ ने कहा, "ऐसे शिक्षक, जिन्हें नियुक्त किया गया है और पिछले दो वर्षों से अधिक समय से काम कर रहे हैं, उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। चाहे वे आरक्षित श्रेणी के हों या अनारक्षित श्रेणी के। राज्य सरकार उन शिक्षकों के समायोजन के लिए एक नीति तैयार करे जिन्हें एक जून 2020 की चयन सूची में संशोधन होने पर पद से हटाया जा सकता है।" गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं ने 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति में राज्य के अधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए आरक्षण की शुद्धता और 6800 शिक्षकों की नियुक्ति की वैधता को चुनौती दी थी।
विमान हादसे के बाद लापता चार बच्चे 40 दिन बाद अमेजन के जंगलों में मिले
कुछ दिन और झुलसाएगी गर्मी, जानें दिल्ली में कब होगी मॉनसून की एंट्री
RBI ने 1,514 शहरी सहकारी बैंकों के लिए 4 कदम उठाए
अंतरराष्ट्रीय रैफरी जगबीर बोले- महिला पहलवानों के प्रति बृजभूषण का...
उमर खालिद के जेल में 1000 दिन : समर्थन में जुटे बड़ी संख्या में लोग
PM मोदी की डिग्री पर केजरीवाल की पुनर्विचार याचिका हुई विचारार्थ...
CBI ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए SIT का किया गठन
भाजपा के लोग असुरों से कम नहीं : प्रोफेसर राम गोपाल यादव
केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आगामी AAP की 'महारैली' की तैयारियों में...
JNU परिसर में छात्राओं से छेड़छाड़, अपहरण की कोशिश के मामले में एक और...