नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा जल्द ही 6 लाख के आंकड़े को छूने वाला है। भारत में भी तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के कारण जल्द से जल्द वैक्सीन बनाने की ओर वैज्ञानिक लगे हुए हैं।
इस बीच भारत की बायोटेक फार्मा कंपनी ने कोरोना वैक्सीन बनाने का दवा किया है और अब इसके ह्यूमन ट्रायल भी होने शुरू हो जाएंगे। भारत सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है।
हैदराबाद की भारत बायोटेक फार्मा कंपनी ने इस वैक्सीन को बनाने का दावा पेश किया है। अगर सभी कुछ ठीक रहा और ट्रायल सफल रहे तो ये देश की पहली कोरोना वैक्सीन होगी। इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल हो चुका है और अब ह्यूमन ट्रायल होने जा रहा है।
क्या करेगी ये वैक्सीन भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर इस दवा को तैयार किया है। इस टीके को बनाने में मृत वायरस का उपयोग किया गया है। दावा किया जा रहा है कि यह बॉडी में जाते ही काम करना शुरू कर देगा और जब वायरस हमला करेगा तब बॉडी में एंटीबॉडीज जो पहले से होंगी वो संक्रमण से बचाएंगी।
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ऐसे शुरू हुआ प्रोसेस इसके लिए सबसे पहले बायोटेक कंपनी ने कोरोना वायरस से जुड़े SARS-CoV-2 स्ट्रेन को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में अलग करके भेजा। यहां से ये स्ट्रेन हैदराबाद की लैब भेजा गया। हैदराबाद की जिनोम वैली के बायोसेफ्टी लेवल- 3 लैब में इस कोरोना वायरस के स्ट्रेन से इनएक्टिवेटिड वैक्सीन बनाने का काम शुरू किया गया।
इस दौरान खतरा काफी ज्यादा था इसलिए हैदराबाद लैब जो काफी सुरक्षित लैब है, को ही इस वैक्सीन को बनाने के लिए चुना गया। साथ ही इस दौरान हर प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया।
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अब होगा ह्यूमन ट्रायल इस वैक्सीन का हैदराबाद लैब में क्लिनिकल ट्रायल हो चुका है और अब इसका ह्यूमन ट्रायल होना बाकी है। इस दवा को कोवैक्सीन नाम दिया गया है। ह्यूमन ट्रायल को लेकर कंपनी का कहना है कि जुलाई के पहले ही हफ्ते में ट्रायल का काम शुरू कर दिया जाएगा।
यहां आपको बता दें कि भारतीय कंपनी बायोटेक को वैक्सीन बनाने का काफी अनुभव है। इससे पहले बायोटेक ने रेबीज, पोलियो, चिकनगुनिया, जीका वायरस और जापानी इन्सेफेलाइटिस के लिए भी वैक्सीन तैयार की है।
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तीन दवाओं को मंजूरी कोरोना वैक्सीन को बनाने के बीच रेमडेसिवीर (remdesivir) और फेविपिराविर (favipiravir) दवाओं को बनाने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने परमिशन दे दी है। इसे मुंबई की ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स बनाएगी। इससे बनने वाली दवा को फविफ्लू नाम दिया गया है, जो एक टेबलेट होगी। इसे हल्के लक्षण वाले मरीजों को दिया जाएगा।
वहीँ, दवा कंपनी हेटेरो कोरोना के लिए कोविफोर दवा लॉन्च करने वाली है। ये दवा रेमडेसिवीर का जेनेरिक वर्जन होगी। इसे नसों में दिया जाता है यह इबोला के इलाज के लिए बनाई गई थी। इसके बाद तीसरी दवा है सिप्रमी, जो रेमडेसिवीर का ही जेनेरिक रूप है। इसे दवा कंपनी सिप्ला बनाने जा रही है।
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