Monday, Dec 11, 2023
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CPI CPIM demands removal Maharashtra Governor Koshiyari joke of secularism rkdsnt

धर्मनिरपेक्षता का ‘‘मजाक’’ उड़ाने पर माकपा ने की राज्यपाल कोश्यारी को हटाने की मांग

  • Updated on 10/14/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने धार्मिक स्थलों को दोबारा खोले जाने के संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे को लिखे पत्र में धर्मनिरपेक्षता का ‘‘मजाक’’ उड़ाने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को पद से हटाने की मांग की है।

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ठाकरे और कोश्यारी के बीच मंगलवार को उस वक्त तना तनी हुई जब कोश्यारी ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बंद किए गए धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने की मांग की और शिव सेना प्रमुख से पूछा कि क्या वह अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं। कोश्यारी के पत्र के जवाब में ठाकरे ने कहा कि वह उनके अनुरोध पर गौर करेंगे और उन्हें ‘‘अपने हिंदुत्व’’ के लिए राज्यपाल का प्रमाणपत्र नहीं चाहिए। 

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महाराष्ट्र के माकपा सचिव नरसैया एडम ने एक विज्ञप्ति में कहा ,‘‘महाराष्ट्र के राज्यपाल ने धर्मनिरपेक्षता का मकााक उड़ाते हुए संवैधानिक औचित्य की सभी सीमाओं को पार दिया है, जो हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों में से एक है।’’ उन्होंने कहा कि एक स्थल के खुलने से पिटारा खुल जाएगा और सभी धर्मों के निहित स्वार्थी तत्व मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों और गुरुद्वारों को खोलने की मांग करने लगेंगे।     

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बयान में कहा गया,‘‘ राज्यपाल महाराष्ट्र के जन स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गए है। उन्हें उनकी संवैधानिक जिम्मेदारियों से मुक्त कराने की जरूरत है, जिसका निर्वाह वह गरिमापूर्ण तरीके से नहीं कर पा रहे हैं। माकपा भारत के राष्ट्रपति से अपील करती है कि राज्यपाल को तत्काल उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाए।’’ इस बीच महाराष्ट्र सरकार की सहयोगी पार्टी राकांपा ने राज्यपाल के खिलाफ ठाणे में प्रदर्शन किया।      

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