नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मणिपुर में हिंसा ‘लोगों को बांटने' की सरकार की नीति का परिणाम है। वामपंथी दल ने एक बयान में केंद्र सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह पूर्वोत्तर के इस प्रदेश में शांति बहाली के लिए बातचीत की पहल करे।
भाकपा ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा की तथाकथित ‘डबल इंजन' सरकार की ओर से लोगों को बांटने की जो नीति अपनाई जा रही है उसका नतीजा है कि मणिपुर में यह स्थिति बन गई है। चुनावी लाभ के लिए लोगों के बीच विभाजन को बढ़ावा दिया जाता है। इसका परिणाम है कि रणनीतिक स्थान की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रदेश में हिंसा शुरू गई है।''
गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।
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