नई दिल्ली/टीम डिजिटल। एक फ्री प्रेस जर्नल में एक कार्टुनिस्ट के रुप में करियर की शुरुआत करने वाले बाल ठाकरे( Bal Thackeray) की आज पुण्यतिथि है। आज के दिन वह 17 नवंबर 2012 को वे दुनिया को अलविदा कह गए थे। भारतीय पत्रकार और राजनीतिज्ञ, शिवसेना (Shivsena) के संस्थापक, राजनीतिक दल, और भारत (India) में एक मजबूत हिंदुत्ववादी नीति के समर्थक। जिनके नेतृत्व में शिवसेना पश्चिमी भारतीय राज्य महाराष्ट्र (Maharastra) में एक प्रमुख राजनीतिक शक्ति बन गई।
1960 के दशक में वह तेजी से राजनीति में शामिल हो रहे थे। उन्होंने मार्मिक (Marmik) नामक एक साप्ताहिक (weekly) मराठी भाषा की पत्रिका (Marathi-language journal) निकाला जिसके काम के माध्यम से एक उन्होंने मजबूत क्षेत्रीय विकास किया और महाराष्ट्र में 'बाहरी' लोगों के प्रभाव के खिलाफ नीतिबद्ध (polemicized) किया। साथ ही 1966 में उन्होंने शिवसेना की स्थापना की।
शिवसेना ने शीतकालीन सत्र से पहले NDA की बैठक के किया किनारा
Novel को किया बैन बाल ठाकरे को महाराष्ट्र का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता था। अक्सर उन्हें 'महाराष्ट्र के गॉडफादर' के रूप में भी संदर्भित किया गया था और उनके भक्त उन्हें हिंदू हिरदयसमरत (Emperor of the Hindu Heart) कहा करते थे। जब 1990 के दशक में शिवसेना ने महाराष्ट्र पर राजनीतिक नियंत्रण हासिल किया, तब उन्होंने मुंबई का नाम बदलकर मुंबादेवी देवी के नाम पर रखा था।
जब सलमान रुश्दी ने अपने उपन्यास द मूर लास्ट सिघ (1995) में जब ठाकरे के उपर व्यंग्य किया तो उनके उपन्यास को महाराष्ट्र में प्रतिबंधित कर दिया गया।
जब बाल ठाकरे का 17 नवंबर 2012 को 86 वर्ष की आयु में निधन हुआ, तो कई पर्यवेक्षक (observers) इसके भविष्य के बारे में चिंतित थे। पर बाल ठाकरे के निधन के बाद महाराष्ट्र में राजनीति काफी बदल गई, 2012 में, 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना सिर्फ 45 सीटों के साथ विपक्ष में थी।
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