नई दिल्ली/टीम डिजिटल। इंडोनेशिया में शनिवार रात से आई सुनामी कहर बरपा दिया है। यहां ज्वालामुखी फटने के बाद आई सुनामी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 281 हो गई है और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पूर्वो नुग्रोहो ने कहा कि मृतकों की संख्या और नुकसान दोनों में बढ़ोतरी होगी। सुनामी स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे से प्रकृति का कहर सामने आया।
The death toll from a volcano-triggered #tsunami in #Indonesia has risen to 281, with more than 1,000 people injured, reports AFP (file pic) pic.twitter.com/71DB086erU — ANI (@ANI) December 24, 2018
The death toll from a volcano-triggered #tsunami in #Indonesia has risen to 281, with more than 1,000 people injured, reports AFP (file pic) pic.twitter.com/71DB086erU
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका दुख की इस घड़ी में इंडोनेशिया के साथ खड़ा है। रिपब्लिकन नेता ने ट्वीट किया कि इंडोनेशिया में सुनामी से अकल्पनीय तबाही हुई है। 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हम सलामती की दुआ कर रहे हैं। अमेरिका आपके साथ है।
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देश की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता स्तुपो पुर्वो ने बताया कि स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे दक्षिणी सुमात्रा और पश्चिमी जावा के पास समुद्र की ऊंची लहरें तटों को तोड़कर आगे बढ़ीं जिससे दर्जनों मकान नष्ट हो गए। सुनामी की वजह से 43 लोगों के मरने और लगभग 600 लोगों के घायल होने की खबर है।
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वहीं, चश्मदीदों का कहना है कि सुनामी के वक्त समुद्र में 15 से 20 मीटर ऊंची लहरें उठती दिखी। एजेंसी ने कहा कि क्राकातोआ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे हुआ भूस्खलन सुनामी का संभावित कारण हो सकता है। इससे पहले सितंबर माह में सुलावेसी द्वीप स्थित पालू शहर में सुनामी की वजह से कम से कम 832 लोगों की मौत हो गई थी।
इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान एवं भूभौतिकी एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे मची तीव्र हलचल सुनामी का कारण हो सकता है। उन्होंने लहरों के उफान का कारण पूॢणमा के चंद्रमा को भी बताया। अंतरराष्ट्रीय सुनामी सूचना केन्द्र के अनुसार ज्वालामुखी के फटने से सुनामी की घटना दुर्लभ है। संभवत: यह जल की विशाल राशि के अचानक विस्थापन या ‘स्लोप फेल्यर’ के चलते हुई होगी।
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सुनामी का सबसे ज्यादा प्रभाव जावा के बांतेन प्रांत के पांडेंगलांग क्षेत्र में पड़ा है। इंडोनेशिया की भूगर्भीय एजेंसी के मुताबिक अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी में बीते कुछ दिनों से राख उठने की वजह से कुछ हरकत होने के संकेत मिल रहे थे। इसके अलावा दक्षिणी सुमात्रा के बांदर लामपंग शहर में सैकड़ों लोगों को गवर्नर के कार्यालय में शरण लेनी पड़ी है।
इससे पहले, 26 दिसंबर 2004 को पश्चिमी सुमात्रा तट के पास समुंद्र में 9.3 तीव्रता के भूकंप के बाद आयी सुनामी के कारण महासागर के आसपास के देशों में 2,20,000 लोगों की मौत हो गयी थी। इंडोनेशिया में 1,68,000 लोगों की जान गयी थी।
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