नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई हिंसा के सिलसिले में आरोपी दीप सिद्धू ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि उसने किसी को हिंसा के लिए नहीं उकसाया और वह विरोध करने के लिए केवल अपने ‘मौलिक अधिकार’ का प्रयोग कर रहा था। केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान लालकिले पर हिंसा के सिलसिले में अभिनेता-कार्यकर्ता सिद्धू को नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
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उनके वकील ने विशेष न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन को बताया कि सिद्धू पुलिस को भीड़ को शांत करने में मदद कर रहे थे और लोगों को लालकिले से नीचे आने के लिए कह रहे थे। सिद्धू के वकील ने कहा, ‘‘साजिश का कोई सवाल नहीं है। मैं (सिद्धू) एक लोकप्रिय चेहरा हूं। मैं गलत समय पर गलत जगह पर था। मैं शांतिपूर्ण विरोध के लिए वहां गया था।’’ सिद्धू ने कहा, ‘‘विरोध करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, इसीलिए मैं वहां था। न तो मैंने ङ्क्षहसा की, न ही किसी से ङ्क्षहसा करने के लिए उकसाया।’’
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वकील ने अदालत को बताया कि इस विरोध प्रदर्शन को विभिन्न किसान संघों ने बुलाया था और उन्होंने किसी से भी लालकिले पर जाने का आग्रह नहीं किया। आरोपी के वकील ने दावा किया, ‘‘मैं (आरोपी) किसी भी किसान संघ का सदस्य नहीं हूं। मेरे द्वारा किसी भी ट्रैक्टर रैली के लिए या लाल किले पर जाने के लिए कोई आह्वान नहीं किया गया था। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मैंने लोगों को जुटाया।’’
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उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं (सिद्धू) बहुत बाद में लालकिले पर आया। मैं बैरिकेड तोडऩे के लिए किसी भी जगह पर मौजूद नहीं था।’’ अभियोजन पक्ष ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि आरोपियों ने दूसरों को हिंसा के लिए उकसाया। अदालत ने पुलिस को आरोपी द्वारा भीड़ को भड़काने के सबूत पेश करने को कहा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 12 अप्रैल तय की। पुलिस ने सिद्धू की गिरफ्तारी में मदद करने वाली कोई भी सूचना देने पर एक लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा कर रखी थी।
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गौरतलब है कि 26 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसान अवरोधकों को तोड़ कर राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हो गये थे और आईटीओ सहित अन्य स्थानों पर उनकी पुलिस र्किमयों से झडपें हुई थीं। कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किला पहुंच गये और ऐतिहासिक स्मारक में प्रवेश कर गये तथा उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था।
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गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की घटना में 500 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गये थे, जबकि एक प्रदर्शनकारी मारा गया था। लालकिला ङ्क्षहसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने दो कांस्टेबलों से 20 कारतूस वाली दो मैग्जीन छीन लीं। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था।
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