नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में इस समय अपनाये जा रहे वर्षा जल संचय के किफायती मॉडल को अपनाएगी। जैन के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वर्षा जल संचय प्रणाली को देखने के लिए आधिकारिक दौरे पर यहां आया था, जिसकी लागत महज 16,000 रुपये आती है, जबकि वर्षा के जल को संचित करने के परंपरागत तरीके में लागत प्रति घर 50,000 रुपये से एक लाख रुपये आती है।
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जैन ने कहा कि डूंगरपुर मॉडल एक अभिनव विचार है, जिसमें बारिश के पानी को बोरवेल में भेजा जाता है, जबकि सामान्य प्रणाली में एक गड्ढे में जल एकत्रित किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रणाली में छत पर एकत्रित पानी को घरों में पहले से मौजूद कुओं में भेजा जा रहा है। उन्होंने पाइप में ही धूल कणों को दूर करने के लिए फिल्टर लगाये हैं।’’
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जैन ने कहा कि वह खुद आकर इस तरह की प्रणाली देखना चाहते थे क्योंकि जब डूंगरपुर नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष के के गुप्ता ने उन्हें इस बारे में बताया तो उनकी जिज्ञासा बढ़ गयी थी। मंत्री ने कहा, ‘‘अब मैं संतुष्ट हूं। यह उत्कृष्ट प्रणाली है। हम इसे दिल्ली में लागू करने जा रहे हैं। अन्य लोगों को भी इसे अपनाना चाहिए।’’
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पटाखों पर लागू प्रतिबंध का सख्ती से होगी पालन : गोपाल राय दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि वायु (प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम के तहत पटाखों पर लागू प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस अधिनियम के तहत छह साल तक की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। राय ने जिलाधिकारियों, दिल्ली पुलिस, पर्यावरण और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रतिबंध लागू किए जाने के मद्देनजर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर चर्चा की।
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राय ने संवाददाताओं से कहा,‘’चर्चा के मुताबिक, पुलिस वायु (प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम के तहत पटाखों पर लागू प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई कर सकती है।‘’ मंत्री ने कहा,‘’ऐसे अपराध में जुर्माना लगाए जाने और कम से कम डेढ़ साल से लेकर अधिकतम छह साल तक जेल की सजा का प्रावधान है।‘‘ उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के मुताबिक, पराली जलाने के कारण दिवाली तक राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर‘‘गंभीर‘’की श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।
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दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह पटाखों की बिक्री और जलाए जाने पर सात नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नौ नवंबर मध्यरात्रि से लेकर 30 नवंबर को आधी रात तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है। एनजीटी ने कहा कि पटाखे खुशियां मनाने के लिए हैं, न कि बीमारी और मृत्यु का उत्सव मनाने के लिए।
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