नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्र ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी को अगले सप्ताह ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा की अनुमति दे दी है। केंद्र की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि अब आगे की मंजूरी के लिए प्रस्ताव आर्थिक मामलों के विभाग को भेज दिया गया है जिस पर कार्रवाई की जाएगी और याचिकाकर्ता जरूरी वीजा परमिट के लिए आवेदन कर सकती हैं। इसबीच, आतिशी के वकील ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने बुधवार सुबह यह अनुमति दी। वहीं, केंद्र की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी मंजूरी दे दी थी।
केंद्र के वकील ने कहा, ‘‘मंजूरी छह जून को दे दी गई थी। राजनीतिक मंजूरी दे दी गई। किसी निर्देश की आवश्यकता नहीं है।'' न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की अवकाश पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह लंबित अर्जी को अनुमति दे और विदेश मंत्रालय से मंजूरी के बाद यह महज ‘औपचारिकता' है। न्यायाधीश से सहमति व्यक्त करते हुए केंद्र के वकील ने कहा, ‘‘एक बार राजनीतिक अनुमति मिलने के बाद कोई विभाग बीच में नहीं आता है।''
अपनी याचिका में आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने सूचित किया कि 15 जून को आयोजित होने वाले ‘भारत 100 वर्षों में : वैश्विक नेता बनने की ओर‘' विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित करने के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने उन्हें आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया है। आतिशी के वकील शादन फरासात ने अदालत को बताया कि उन्हें 14 से 20 जून तक ब्रिटेन की यात्रा पर जाना है और अदालत से अनुरोध किया कि वह वित्त मंत्रालय को एक दिन के भीतर लंबित अर्जी को अनुमति देने का निर्देश दे।
इसपर केंद्र के वकील पवन नारंग ने याचिकताकर्ता (आतिशी) से कहा कि जब सामान्य प्रक्रिया के तहत अनुमति मिल चुकी है तो वह ‘राजनीतिक बयान' ना दें और विभाग के बारे में ऐसी धरणा बनाने का प्रयास ना करें कि मंजूरी अदालत में याचिका दायर करने के कारण मिली है। नारंग ने अपनी दलील में कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय को 10 दिनों का समय चाहिए होता है।
लेकिन वे तीन दिनों के भीतर ही आ गये और आपने निर्णय की प्रतीक्षा किए बिना ही दबाव बनाना और अदालत के समक्ष बेकार की याचिका दायर करना शुरू कर दिया। सामान्य प्रक्रिया में निर्णय 10 दिनों के भीतर होता है, जो उनके पक्ष में था। ऐसे में राजनीतिक अनुमति मिलने के बाद वे इतनी जल्दीबाजी में क्यों हैं''
विदेश मंत्रालय से मिली अनुमति के आधार पर याचिकाकर्ता से वीजा औपचारिकताएं पूरी करने का सुझाव देते नारंग ने कहा, ‘‘आपसे कुछ ही स्पष्टीकरण मांगा गया था। आपने वह जानकारी दी और हमने अनुमति दे दी।'' वहीं आतिशी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि दिल्ली सरकार ने पिछले महीने ही यात्रा को अनुमति दे दी थी, लेकिन उपराज्यपाल द्वारा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जाने के बाद वह सिर्फ सवाल और स्पष्टीकरण मांग रहे हैं।
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